Bengal Chunav: तृणमूल का बड़ा आरोप, केंद्र और निर्वाचन आयोग के हाथ कोविड मरीजों के खून से सने हैं
बंगाल में आठवीं अंतिम चरण के मतदान से ठीक है एक दिन पहले सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को केंद्र की भाजपा की नेतृत्व वाली सरकार और निर्वाचन आयोग पर निशाना साधते हुए बड़ा आरोप लगाया। पार्टी ने कहा कि उनके हाथ कोविड-19 मरीजों के खून से सने हैं
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में आठवीं अंतिम चरण के मतदान से ठीक है एक दिन पहले सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को केंद्र की भाजपा की नेतृत्व वाली सरकार और निर्वाचन आयोग पर निशाना साधते हुए बड़ा आरोप लगाया। पार्टी ने कहा कि उनके (केंद्र व आयोग के) हाथ कोविड-19 मरीजों के खून से सने हैं, क्योंकि कोरोना वायरस के गंभीर खतरे को उन्होंने नजरअंदाज किया। तृणमूल ने कहा कि नजरअंदाज किए जाने के कारण ही अप्रैल महीने के दौरान बंगाल में महामारी तेजी से फैलती गई।
तृणमूल के वरिष्ठ सांसद व प्रवक्ता सौगत राय ने संवाददाताओं से कहा कि अप्रैल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 50 रैलियों को संबोधित किया। कोविड-19 के मामलों में लगातार बढ़ोतरी के बावजूद हर दिन औसतन दो जनसभा आयोजित की गईं।उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग ने अंतिम तीन चरण के चुनाव एक साथ कराने के तृणमूल कांग्रेस के अनुरोध को मानने से इन्कार कर दिया।
इस वजह से अंतिम के दो चरण में 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को मतदान कर्मियों समेत 1.4 करोड़ से ज्यादा लोगों के संक्रमित होने का खतरा बना रहेगा।राय ने कहा कि केंद्र और निर्वाचन आयोग के हाथों पर कोविड-19 मरीजों का खून हैं क्योंकि उन्होंने लोगों के स्वास्थ्य को खतरे की उपेक्षा की और अपने एजेंडे पर डटे रहे। मद्रास उच्च न्यायालय ने भी निर्वाचन आयोग को फटकार लगाई है।
हमला जारी रखते हुए राय ने कहा कि केंद्र में भाजपा नेतृत्व वाली सरकार और निर्वाचन आयोग के कदमों के कारण अप्रैल में बंगाल में महामारी फैलती गई। मार्च में संक्रमण उतना नहीं फैला था। उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने कोरोना वायरस टीकाकरण के संबंध में भी लोगों को गुमराह किया।