Bengal violence में सीबीआइ पर कोर्ट की अवमानना ​​का आरोप, पूर्व बर्द्धमान जिले में एक और हत्या की प्राथमिकी दर्ज

बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा में हत्या और दुष्कर्म के आरोपों की जांच में सीबीआइ द्वारा अदालत की अवमानना ​​का आरोप लगाया गया। हावड़ा निवासी अक्षय कुमार सामंत ने एक वकील के माध्यम से कहा कि उनके खिलाफ हत्या या दुष्कर्म का कोई आरोप नहीं है।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 04:01 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 04:01 PM (IST)
Bengal violence में सीबीआइ पर कोर्ट की अवमानना ​​का आरोप, पूर्व बर्द्धमान जिले में एक और हत्या की प्राथमिकी दर्ज
सीबीआइ द्वारा अदालत की अवमानना ​​का आरोप लगाया गया।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : एक प्रतिवादी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक शिकायत दायर की है जिसमें बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा में हत्या और दुष्कर्म के आरोपों की जांच में सीबीआइ द्वारा अदालत की अवमानना ​​का आरोप लगाया गया। हावड़ा निवासी अक्षय कुमार सामंत ने एक वकील के माध्यम से कहा कि उनके खिलाफ हत्या या दुष्कर्म का कोई आरोप नहीं है। राज्य पुलिस ने उन पर लगे आरोपों की जांच कर चार्जशीट दाखिल कर दी है। उसके बाद भी सीबीआइ ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

राज्य के विभिन्न हिस्सों में सीबीआइ की विभिन्न टीमों की ओर से जांच कार्य शुरू करने के बाद से ही केंद्रीय जांच एजेंसी पर अदालत द्वारा निर्देशित अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है। प्रतिवादी के वकील ने कहा है कि अक्षय कुमार सामंत पर हत्या या दुष्कर्म का मामला नहीं होने के बावजूद सीबीआइ ने उन्हें गिरफ्तार करके अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर काम किया है और यह अदालत की अवमानना ​​​​के समान है।

हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल ने कहा कि अक्षय कुमार सामंत कानून के अनुसार कार्रवाई कर सकते हैं। हालांकि चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामले में हाईकोर्ट फिलहाल हस्तक्षेप नहीं करेगा। बताते चलें कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सीबीआइ को चुनाव के बाद हत्या और दुष्कर्म के मामलों की जांच करने का निर्देश दिया है। अन्य घटनाओं के आरोपों की जांच न्यायालय के निर्देश पर गठित राज्य पुलिस की विशेष जांच टीम या सीट द्वारा की जा रही है।

इधर भाजपा कार्यकर्ता जाकिर हुसैन की हत्या के मामले में सीबीआइ ने बीरभूम के मल्लारपुर थाने के कोट गांव में तलाशी ली। जांच टीम भारी केंद्रीय बल के साथ गांव पहुंची और करीब दो घंटे तक आरोपितों की तलाश में 13 लोगों के घर गई। आरोपित बबलू शेख और जहीर काजी (दोनों फिलहाल जमानत पर बाहर हैं) को पूछताछ के लिए ले जाया गया। फैयाज काजी नाम का एक अन्य आरोपित भाग गया। केंद्रीय बलों ने उसका पीछा किया लेकिन वह पकड़ में नहीं पाया। फैयाज के बेटे आलमगीर काजी को सीबीआइ पूछताछ के लिए ले गई है।

चुनाव बाद हिंसा में सीबीआइ ने एक और हत्या की प्राथमिकी दर्ज की

राज्य ब्यूरो, कोलकाताः बंगाल में विधानसभा चुनाव बाद हिंसा मामले में सीबीआइ ने एक और प्राथमिकी दर्ज की है। यह पूर्व बर्द्धमान जिले में हुई हत्या के एक मामले में दर्ज की गई है। इसके साथ ही सीबीआइ द्वारा हिंसा को लेकर दर्ज की गई एफआइआर की संख्या 38 हो गई। चुनाव बाद हिंसा मामले में पिछले शनिवार को दो प्राथमिकी दर्ज की गई थी और उससे पहले 35 प्राथिमकी दर्ज हुई थी। बता दें कि हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआइ हत्या और दुष्कर्म जैसे संगीन आपराधिक मामलों की जांच कर रही है और विभिन्न जिलों में जाकर पीड़ितों से मुलाकात कर मामले दर्ज कर रही है।

सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक इस बार हर मामले की जांच कर रहे राज्य पुलिस के अधिकारियों को चरणबद्ध तरीके से तलब किया जाएगा। राज्य के जांच अधिकारियों से चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलों पर कई अहम जानकारियां हासिल की जा सकती हैं। किसको गिरफ्तार किया गया, किसे गिरफ्तार नहीं किया गया, आरोपितों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? राज्य पुलिस के हाथ में क्या सबूत आए, इसका ब्योरा सीबीआइ जानना चाहती है। जरूरत पड़ने पर जांच अधिकारी उन अधिकारियों के बयान भी दर्ज करना चाहते हैं> चूंकि उन्होंने प्रारंभिक जांच की थी, इसलिए घटना के समय कुछ अहम जानकारी सबूत पुलिस के पास हो सकती है।

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