Violence in Bengal: सुनवाई पूरी होने के बाद भी कई पक्ष ने हाई कोर्ट में लिखित तौर पर रखीं अपनी बात

बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद भी कलकत्ता हाई कोर्ट की इजाजत पर इस मामले से जुड़े कई पक्ष ने बुधवार को अंतिम दिन लिखित रूप में अपनी बात बंद लिफाफे के माध्यम से अदालत के समक्ष जमा दिया।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 09:19 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 09:19 PM (IST)
Violence in Bengal: सुनवाई पूरी होने के बाद भी कई पक्ष ने हाई कोर्ट में लिखित तौर पर रखीं अपनी बात
सुनवाई पूरी होने के बाद भी कई पक्ष ने हाई कोर्ट में लिखित तौर पर रखीं अपनी बात

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद भी कलकत्ता हाई कोर्ट की इजाजत पर इस मामले से जुड़े कई पक्ष ने बुधवार को अंतिम दिन लिखित रूप में अपनी बात बंद लिफाफे के माध्यम से अदालत के समक्ष जमा दिया। हिंसा मामले की स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच की मांग वाली कई याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई पूरी करते हुए हाई कोर्ट के पांच जजों की पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। हालांकि पीठ ने फैसला सुरक्षित रखते हुए इस मामले से जुड़े सभी पक्षों को एक अंतिम मौका देते हुए इस बात की इजाजत दी थी कि अगर उन्हें इस मामले में और भी कुछ कहना है तो बुधवार दोपहर 2:30 बजे तक वे लिखित रूप में अपनी बातों को कोर्ट के समक्ष जमा कर सकते हैं।

सूत्रों के अनुसार, हाई कोर्ट के दिशा निर्देशानुसार तय अवधि के भीतर इस दिन मामले से जुड़े कई पक्ष ने लिखित रूप में अदालत के समक्ष अपनी बात रखीं। हालांकि याचिकाकर्ताओं ने इसमें किन तथ्यों का उल्लेख किया है इसका अभी खुलासा नहीं हो सका है। गौरतलब है कि हिंसा मामले में हाई कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद मंगलवार को आदेश सुरक्षित रख लिया था।

हालांकि इन जनहित याचिकाओं पर हाई कोर्ट कब फैसला सुनाएगा इसकी तिथि अभी तय नहीं हुई है। जनहित याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा के परिणामस्वरूप लोगों पर हमला किया गया, घरों से पलायन किया गया और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। याचिका में जीवन और स्वतंत्रता की सुरक्षा के साथ निष्पक्ष जांच का अनुरोध किया गया है।

chat bot
आपका साथी