बंगाल के निजी अस्पताल अब क्लीनिकल जांच के नाम नहीं वसूल सकेंगे मनमानी राशि, अधिक वसूली पर होगी कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग की ओर से साफ किया गया है कि स्वास्थ्य साथी कार्डधारक लाभार्थियों के लिए बीमारी की जांच पर अधिकतम 5000 रुपये तक वसूले जाएंगे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अस्पतालों में होने वाली मनमाना वसूली पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी थी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः बंगाल के निजी अस्पताल अब क्लीनिकल जांच के नाम पर मनमाना वसूली नहीं कर पाएंगे। स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रदेश के सभी निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम को इस संबंध में एडवाइजरी जारी की गई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से साफ किया गया है कि स्वास्थ्य साथी कार्डधारक लाभार्थियों के लिए बीमारी की जांच पर अधिकतम 5000 रुपये तक वसूले जाएंगे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अस्पतालों में होने वाली मनमाना वसूली पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी थी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह निर्णय लिया गया।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी चेतावनी दी गई है। स्वास्थ्य विभाग ने अपनी एडवाइजरी में कहा है कि कभी-कभी यह देखा गया है कि निजी अस्पताल व नर्सिंग होम क्लीनिकल जांच और निदान के नाम पर बेवजह जांच कराते हैं। ऐसा करना उचित नहीं है। अस्पताल व नर्सिंग होम रोग से संबंधित जांच व इलाज पर 5000 रुपये तक ही ले सकते हैं। उसके बाद रोगी को एक विशिष्ट पैकेज के तहत ही इलाज करना होगा।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से कहा गया है कि बड़ी संख्या में हेल्थ कार्ड पैकेज उपलब्ध हैं। इसके बाद भी कई निजी अस्पताल व नर्सिंग होम स्वास्थ्य प्रबंधन के मामलों और कुछ सर्जिकल मामलों में अनस्पेसिफाइड पैकेज के तहत मरीजों का इलाज कर रहे हैं। इसे निर्धारित पैकेज के तहत लाया जा सकता है। एडवाइजरी में यह भी साफ किया गया है कि अगर किसी मरीज के पास स्वास्थ्य साथी कार्ड नहीं है तो उसकी जानकारी स्वास्थ्य साथी वेब पोर्टल में लाभुक के आधार नंबर के साथ जानकारी ली जा सकती है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी में साफ किया गया है कि अगर किसी व्यक्ति के पास स्वास्थ्य साथी कार्ड नहीं है तो उसकी पहचान व नया कार्ड जारी करने की सुविधा अस्पताल में ही दी जाएगी। सभी पीपीपी डायग्नोस्टिक सेंटरों के लिए भी इसी तरह की व्यवस्था की जाएगी। इस योजना के तहत 1900 पैकेज उपलब्ध हैं। सीएम ममता बनर्जी ने स्वास्थ्य साथी योजना की शुरुआत 30 दिसंबर 2016 को की थी। योजना के तहत हर परिवार को 5 लाख रुपये तक का बुनियादी स्वास्थ्य कवर प्रदान किया जाता है।
लाभुकों को कैशलेस उपचार की सुविधा प्रदान की जा रही है। सरकार का दावा है कि योजना में हर रोज करीब 8 करोड़ रुपये और हर माह 250 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इसके तहत प्रदेश के करीब 2330 निजी अस्पताल व नर्सिंग होम हैं। इसके कुल उपभोक्ता करीब साढ़े आठ करोड़ हैं