Bengal Politics:बंगाल में विधानसभा समितियों का गठन अभी भी अटका, भाजपा ने अभी तक नहीं दिए प्रतिनिधियों के नाम
बंगाल विधानसभा में विधायकों के शपथ के एक महीने से अधिक हो गए हैं लेकिन भाजपा प्रतिनिधियों के नाम नहीं मिलने से विधानसभा समितियों का गठन अभी भी अटका हुआ है। इसके चलते विधानसभा सचिवालय नियमानुसार समिति का कार्य शुरू नहीं कर पा रहा है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल विधानसभा में विधायकों के शपथ के एक महीने से अधिक हो गए हैं, लेकिन भाजपा प्रतिनिधियों के नाम नहीं मिलने से विधानसभा समितियों का गठन अभी भी अटका हुआ है। इसके चलते विधानसभा सचिवालय नियमानुसार समिति का कार्य शुरू नहीं कर पा रहा है। साथ ही समितियों का कार्य शुरू नहीं होने से विधायकों का मासिक भत्ता भी अटका हुआ है।
राज्य विधानसभा में विधायकों का प्रतिनिधित्व करने वाली 41 महत्वपूर्ण समितियां हैं। इनमें से 26 स्थायी समितियां और 15 सदन समितियां हैं जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक शामिल रहते हैं। अभी तक भाजपा ने केवल दो समितियों के लिए पार्टी के प्रतिनिधियों को नामित किया है, लेकिन 39 समितियों के लिए पार्टी के विधायकों को नामित नहीं किया है। नतीजतन किसी भी समिति की घोषणा नहीं की गई थी। लोक लेखा समिति का गठन भी अटका हुआ है। संसदीय मंत्री पर्थ चटर्जी ने कहा कि विधानसभा में विपक्ष की भूमिका सत्ता पक्ष से कम महत्वपूर्ण नहीं है। इसलिए यदि उनकी भागीदारी सुनिश्चित नहीं की जाती है, तो परिषदीय कार्य का मुख्य उद्देश्य बाधित होगा।
जल्द ही दे देंगे प्रतिनिधियों के नाम : मुख्य सचेतक
-इधर सूत्रों का कहना है कि चुनाव के बाद बंगाल भाजपा में थोड़ा असंतोष देखा जा रहा है। इसे लेकर प्रदेश नेतृत्व चिंतित है जिसके कारण उसके प्रतिनिधि परिषदीय कार्य में हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं। अभी तक नेता प्रतिपक्ष व मुख्य सचेतक को जिम्मेदारी दी गई है। विपक्ष के मुख्य सचेतक मनोज तिग्गा ने कहा कि हम लोग कुछ कार्यों को अंतिम रूप देने के बाद समितियों के लिए अपने प्रतिनिधियों का नाम दे देंगे।
बताते चलें कि स्थायी व सदन समितियों पर कई विभागों के काम की समीक्षा की जिम्मेदारी रहती है। स्थायी समितियां सरकारी कार्यों की देखरेख करती हैं और इसके समग्र सुधार पर आवश्यक सलाह देती हैं। जब तक यह समितियां नहीं बन जाती, तब तक काम शुरू नहीं हो पाएगा।