बांग्लादेश में सांप्रदायिक हिंसा हो और बंगाल में उस पर राजनीति न हो ऐसा भला हो सकता है?

Bengal Bypolls जिस तरह से बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा शुरू हो गई है इसके बाद उपचुनाव में यह मुद्दा बन गया है। तृणमूल कांग्रेस के मुस्लिम तुष्टीकरण को लेकर भाजपा उस पर निशाना साध रही है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 11:39 AM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 12:58 PM (IST)
बांग्लादेश में सांप्रदायिक हिंसा हो और बंगाल में उस पर राजनीति न हो ऐसा भला हो सकता है?
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। एक तरफ बांग्लादेश में सांप्रदायिक हिंसा हो रही है तो दूसरी ओर बंगाल में चार सीटों के लिए उपचुनाव हो रहे हैं। ये चारों सीटें बांग्लादेश की सीमा से सटे जिले की हैं। वहां हिंसा हो और बंगाल में उस पर राजनीति न हो ऐसा भला हो सकता है? वहां की हिंसा पर बंगाल में जमकर राजनीति शुरू हो गई है। एक तरफ भाजपा हिंदुओं पर अत्याचार, मंदिरों पर हमले को लेकर मुखर है तो ऐसे में तृणमूल कांग्रेस और अन्य दल पीछे क्यों रहें। यहां तक कि वामपंथी विचारधारा वाले बुद्धिजीवी भी अपने-अपने हिसाब से हिंसा को लेकर सवाल उठा रहे हैं।

बंगाल के सीमावर्ती जिले कूचबिहार की दिनहाटा, नदिया की शांतिपुर, उत्तर 24 परगना की खड़दह और दक्षिण 24 परगना जिले की गोसाबा सीट पर 30 अक्टूबर को मतदान और दो नवंबर को मतगणना होनी है। पर दुर्गापूजा के दौरान से ही जिस तरह से बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा शुरू हो गई है, इसके बाद उपचुनाव में यह मुद्दा बन गया है। भाजपा तृणमूल के मुस्लिम तुष्टीकरण को लेकर निशाना साध रही है तो तृणमूल से लेकर माकपा व वामपंथी बुद्धिजीवी बांग्लादेश सरकार के साथ-साथ भारत सरकार पर निशाना साधने लगे हैं। वहीं चुनावी हिंसा के लिए कुख्यात बंगाल में शांतिपूर्ण व निष्पक्ष मतदान संपन्न कराने के लिए केंद्रीय बल की 27 कंपनियां तैनात की गई हैं। इसके बावजूद आरोप लगने शुरू हो गए हैं।

दिनहाटा में भाजपा प्रत्याशी के समर्थन अशोक मंडल पार्टी विधायक मिहिर गोस्वामी के साथ शहर में प्रचार करने गए थे। जैसे ही उन्होंने प्रचार शुरू किया, कुछ तृणमूल कांग्रेस समर्थकों ने उनका पीछा किया। अशोक मंडल जहां भी प्रचार करने जा रहे हैं, तृणमूल कार्यकर्ता झंडों के साथ नारेबाजी शुरू कर दे रहे हैं। ऐसे में यदि भाजपा व तृणमूल समर्थकों के बीच झड़प भी हो सकती है। इन सबके बीच उत्तर दिनाजपुर जिले के इटाहार में युवा भाजपा के नेता मिथुन घोष की कुछ अज्ञात बदमाशों ने राजग्राम गांव में उनके घर के सामने रविवार की रात करीब 11 बजे गोली मारकर हत्या कर दी।

भाजपा का आरोप है कि हत्या के पीछे तृणमूल कांग्रेस के असामाजिक तत्वों का हाथ है। हालांकि तृणमूल ने इस आरोप से इन्कार किया है। अभी छह माह पहले विधानसभा चुनाव में और नतीजे के बाद बंगाल में जमकर हिंसा हुई थी। चुनाव बाद हुई हिंसा की जांच सीबीआइ कर रही है जिसमें 40 प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है। पर जिस तरह से बांग्लादेश में भी हिंदुओं के खिलाफ हिंसा हो रही है उसका असर बंगाल की राजनीति पर पड़ना तय है।

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