बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा को एक और झटका, विधायक कृष्ण कल्याणी ने तृणमूल कांग्रेस का थामा दामन

बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद से भाजपा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही और एक के बाद एक नेता व विधायक पार्टी छोड़ते जा रहे हैं। इसी क्रम में उत्तर दिनाजपुर जिले के रायगंज से भाजपा विधायक कृष्ण कल्याणी भी टीएमसी में शामिल हो गए।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 04:54 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 04:54 PM (IST)
बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा को एक और झटका, विधायक कृष्ण कल्याणी ने तृणमूल कांग्रेस का थामा दामन
तृणमूल कांग्रेस का झंडा थामते विधायक कृष्ण कल्याणी (बाएं)। स्त्रोत :: टीएमसी

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद से भाजपा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है और एक के बाद एक नेता व विधायक पार्टी छोड़ते जा रहे हैं। इसी क्रम में उत्तर दिनाजपुर जिले के रायगंज से भाजपा विधायक कृष्ण कल्याणी भी बुधवार को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गए। टीएमसी के महासचिव व मंत्री पार्थ चटर्जी और विधायक विवेक गुप्ता की उपस्थिति में कोलकाता में उन्होंने टीएमसी का दामन थामा। पार्थ ने पार्टी का झंडा देकर कल्याणी का स्वागत किया।

रायगंज के विधायक ने अक्टूबर के आरंभ में ही भाजपा से इस्तीफा दे दिया था। उनके टीएमसी में शामिल होने की बात पहले से तय मानी जा रही थी। गौरतलब है कि दो मई को राज्य में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से कल्याणी को लेकर अब तक भाजपा के पांच विधायक पार्टी छोड़कर टीएमसी में शामिल हो चुके हैं। इससे पहले हाल में पूर्व केंद्रीय मंत्री व आसनसोल से सांसद बाबुल सुप्रियो ने भी भाजपा छोड़ टीएमसी का दामन थाम लिया था। विधानसभा चुनाव के बाद से पार्टी में लगातार बगावत मची हुई है। पार्टी के नेता एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं और हार के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

काफी दिनों से नाराज थे कृष्ण कल्याणी

रायगंज के विधायक कृष्ण कल्याणी काफी दिनों से पार्टी से नाराज थे। उन्होंने पार्टी के खिलाफ बयान दिया था। इसको लेकर पिछले महीने उन्हें कारण बताओ नोटिस भी दिया गया था। यह नोटिस उन्हें रायगंज से भाजपा सांसद देबश्री चौधरी के खिलाफ बयानबाजी व पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते भेजा गया था। लेकिन इसके अगले ही दिन कल्याणी ने पार्टी से इस्तीफा ही दे दिया था। उन्होंने कहा था कि मैं उस पार्टी में नहीं रह सकता, जिसमें देबश्री चौधरी सांसद हैं। उन्होंने पार्टी सांसद पर उनके खिलाफ षड्यंत्र करने का आरोप लगाया और साफ तौर पर कहा कि दोनों एक पार्टी में काम नहीं कर सकते।

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