Bengal Politics: हाई-प्रोफाइल लोगों के बीच एक रिक्शा चालक भी पहुंचा विधानसभा

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बार बालागढ़ के विधायक असीम कुमार मांझी का टिकट काटकर दलित समुदाय के नेता व साहित्यकर मनोरंजन व्यापारी को यहां से उम्मीदवार बनाया था। इस गरीब रिक्शा चालक ने भाजपा उम्मीदवार को 5 784 वोटों से हराकर यहां से विधानसभा का रूख किया हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 04:50 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 04:50 PM (IST)
Bengal Politics: हाई-प्रोफाइल लोगों के बीच एक रिक्शा चालक भी पहुंचा विधानसभा
फोटो कैप्शन ::: रिक्शा चलाते मनोरंजन व्यापारी।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Bengal Politics बंगाल विधानसभा चुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों में जहां हाई-प्रोफाइल लोगों की कमी नही है, वहीं उनके बीच इस बार हुगली जिले के बालागढ़ विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित होकर एक रिक्शा चालक भी विधानसभा पहुंच गया है। तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर रिक्शा चालक मनोरंजन व्यापारी ने भाजपा उम्मीदवार सुभाष चंद्र हलदार को हराकार यहा से जीत दर्ज की है। बंगाल के हाई-वोल्टेज चुनाव में एक आम आदमी की जीत से इन दिनों बालागढ विधानसभा क्षेत्र चर्चा में है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बार बालागढ़ के विधायक असीम कुमार मांझी का टिकट काटकर दलित समुदाय के नेता व साहित्यकर मनोरंजन व्यापारी को यहां से उम्मीदवार बनाया था। इस गरीब रिक्शा चालक ने भाजपा उम्मीदवार को 5, 784 वोटों से हराकर यहां से विधानसभा का रूख किया हैं। गरीबी के कारण होटलों में बर्तन साफ करके बड़े हुए मनोरंजन व्यापारी का कहना है कि वे कानून के मंदिर में जाकर गरीब एव असहाय लोगों की आवाज बनना चाहते हैं। रिक्शा चलाने के साथ-साथ यह दलित नेता अच्छे लेखक भी हैं।

मशहूर साहित्यकर महाश्वेता देवी से प्रेरित होकर उन्होंने कई किताबे लिखी हैं। नक्सल आंदोलन के समय मनोरंजन जेल भी गए थे। उनका कहना है कि बचपन में गरीबी इतनी थी कि भूख से बहन को उन्होंने अपनी आंखो सामने मरते देखा है। वे तृणमूल कांग्रेस में इसलिए शामिल हुए क्योंकि इस दौर में गले में गमछा लगाकर रिक्शा चलाने वालों को समाज में और कोई नहीं पूछता हैं। गले में जहा टाई लगाने वालों की भरमार है, वहा गमछा वाले की सुध कौन लेगा। तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने उन्हें सम्मान दिया और इस सीट से चुनाव लड़ने को कहा था।

गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव में हुगली से सांसद लाॅकेट चटर्जी ने बालागढ विधानसभा सीट से लगभग 34 हजार वोटों की बढ़त बनाई थी। उस वक्त यहां तृणमूल का आपसी कलह चरम पर था। इन सब समस्याओं को अपने ढंग से समाधान करके मनोरंजन व्यापारी ने इस सीट पर जीत दर्ज की है। वे बालागढ में पत्नी व बेटे के साथ रहते हैं। उनका कहना है कि हौसले बुलंद हो तो कोई भी लडाई जीती जा सकती हैं। गरीब और असहाय लोगों की समस्याओं को सरकार के समक्ष रखना उनकी पहली प्राथमिकता होगी।

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