Bengal News:सरकारी परियोजना को तवज्जो नहीं दे रहे हैं निजी बैंक, खाते हटा सकती है राज्य सरकार, तैयार हो रही सूची

राज्य में निजी बैंक सरकारी परियोजनाओं को तवज्जो नहीं दे रहे हैं। इसे लेकर राज्य सरकार निजी बैंकों से अपने खाते हटा सकती है। जिलों को मुख्य सचिव की ओर से दिए गए संदेश में इसका संकेत दिया गया है।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 09:32 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 09:32 PM (IST)
Bengal News:सरकारी परियोजना को तवज्जो नहीं दे रहे हैं निजी बैंक, खाते हटा सकती है राज्य सरकार, तैयार हो रही सूची
राज्य के वित्त सचिव को भी इन बैंकों की सूची तैयार करने को कहा गया।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : राज्य में निजी बैंक सरकारी परियोजनाओं को तवज्जो नहीं दे रहे हैं। इसे लेकर राज्य सरकार निजी बैंकों से अपने खाते हटा सकती है। जिलों को मुख्य सचिव की ओर से दिए गए संदेश में इसका संकेत दिया गया है। मुख्य सचिव ने निजी बैंकों की ओर से सरकारी परियोजनाओं को मान्यता नहीं दिए जाने पर कड़ा रुख अख्तियार किया है। निजी बैंक छात्र क्रेडिट कार्ड सहित विभिन्न सरकारी परियोजनाओं में भाग नहीं ले रहे हैं। इससे आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए इन बैंकों के खिलाफ बड़ा कदम उठाने पर विचार किया जा रहा है।

मुख्य सचिव की ओर से सभी जिलाधिकारियों को संदेश भेजकर कहा गया कि अधिकांश निजी बैंक राज्य सरकार की विभिन्न विकास परियोजनाओं को मान्यता नहीं दे रहे हैं। छात्र क्रेडिट कार्ड ऋण की राशि का विस्तार नहीं किया जा रहा है। निजी बैंक सरकारी परियोजनाओं को तवज्जो नहीं दे रहे हैं।

अगर ऐसी ही स्थिति बनी रही तो मुख्य सचिव ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में इन बैंकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है। उन्होंने कहा कि इन निजी बैंकों के सभी सरकारी खाते हटा दिए जाएंगे। खातों को उन सभी बैंकों को हस्तांतरित किया जाएगा जो इन सरकारी परियोजनाओं को मान्यता देने के लिए सहमत हैं।

राज्य सरकार के अन्य प्रोजेक्ट्स में भी ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं निजी बैंक

हालांकि निजी बैंक न सिर्फ स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड बल्कि राज्य सरकार के अन्य प्रोजेक्ट्स में भी ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। एक संदेश में मुख्य सचिव ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड, विभिन्न स्वयं सहायता समूहों, परियोजनाओं और निजी बैंकों को वित्तीय सहायता अपेक्षित मदद नहीं मिल रही है। मूल रूप से, विभिन्न बैंक छात्र क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण देने के लिए घर की दलील से शुरू होकर कई शर्तें निर्धारित कर रहे हैं। इसकी वजह से इस बार राज्य सचिवालय ये सख्त रवैया अपनाने जा जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि राज्य के वित्त सचिव को भी इन बैंकों की सूची तैयार करने को कहा गया है।

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