West Bengal Fever News: कोरोना महामारी के बीच बंगाल में अज्ञात ज्वर की चपेट में आ रहे बच्चे

West Bengal Fever News पश्चिम बंगाल के अनेक उत्तरी जिलों में बड़ी संख्या में बच्चों में अज्ञात बुखार का कहर बढ़ रहा है जिससे प्रभावितों की संख्या बढ़ रही है। इन बच्चों के इलाज की पुख्ता व्यवस्था हो।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 02:12 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 02:12 PM (IST)
West Bengal Fever News: कोरोना महामारी के बीच बंगाल में अज्ञात ज्वर की चपेट में आ रहे बच्चे
तत्काल सभी तरह के कदम उठाने की जरूरत है।

कोलकाता, स्टेट ब्यूरो। West Bengal Fever News कोरोना महामारी के बीच बंगाल में बच्चों के अज्ञात ज्वर से पीड़ित होने को लेकर चिंता बढ़ रही है। अब तक इस ज्वर की चेपट में आने से करीब 1100 बच्चे बीमार हो चुके हैं और छह बच्चों की मौत होने की बात कही जा रही है। परंतु राज्य प्रशासन की ओर से बच्चों की मृत्यु की वजह बुखार नहीं अन्य कारण बताए जा रहे हैं। बंगाल के उत्तरी जिलों में इस ज्वर को लेकर लोग आतंकित हैं।

हालांकि गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ महानगर के सेठ सुख लाल करनानी मेमोरियल (एसएसकेएम) मेडिकल कालेज अस्पताल में बैठक के बाद स्वास्थ्य विभाग के सचिव नारायण स्वरूप निगम ने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। स्थिति नियंत्रण में है। किस तरह का वायरस है और उससे कैसे निपटा जाए, इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं। संसाधन भी पर्याप्त है, दवाइयां भी भेज दी गई हैं। चिकित्सा प्रक्रिया की जानकारी देने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से निर्देश भी जारी किए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि बंगाल में बच्चों में अज्ञात बुखार की वजह आरएस वायरस को बताया गया है। बुखार फैलते ही स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत विशेषज्ञ कमेटी बनाकर मामले की जांच शुरू कर दी है। परंतु जिस रफ्तार से बच्चे बीमार हो रहे हैं ऐसे में बंगाल के उत्तरी जिलों के अस्पतालों में हालात अच्छे नहीं हैं। यह बात कहते हुए विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलय से एक टीम भेजने की अपील की है। इस मामले में पीड़ितों की जानकारी छिपाने का आरोप सरकार पर लग रहा है।

सुवेंदु का कहना है कि बंगाल प्रशासन भवानीपुर उपचुनाव में व्यस्त है, क्योंकि यह उनकी प्राथमिकता है। इसलिए वह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह करते हैं कि हमारे बच्चों को बचाने के लिए बंगाल स्वास्थ्य विभाग की सहायता करें और तुरंत विशेषज्ञों की एक केंद्रीय टीम भेजे। बंगाल के स्वास्थ्य सचिव से भी आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि बंगाल के उत्तरी जिलों से आने वाली चिंताजनक खबरों पर ध्यान दें, जहां 750 से अधिक बच्चों को तेज बुखार और फ्लू जैसे लक्षणों के साथ अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। शायद यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने उच्चस्तरीय बैठक कर स्थिति की जानकारी ली है।

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका बनी हुई है और इस लहर में बच्चों की चपेट में आने की बातें कही जा रही है। ऐसे में यदि इतनी अधिक संख्या में बच्चे बीमार होंगे तो चिंता बढ़ना लाजिमी है। राज्य सरकार की ओर से जो दावा किया गया उससे चिंता जरूर कम होगी। पर तत्काल सभी तरह के कदम उठाने की जरूरत है।

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