Bengal News: शिक्षा से संबंधित तथ्य नहीं दे पाने पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल सरकार को लगाई कड़ी फटकार

शिक्षा से संबंधित तथ्य निर्धारित समय पर नहीं दे पाने को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। राज्य के सरकारी स्कूल किस हालत में हैं इसे लेकर हाईकोर्ट में एक मामला किया गया था।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Fri, 10 Sep 2021 08:07 PM (IST) Updated:Fri, 10 Sep 2021 08:07 PM (IST)
Bengal News: शिक्षा से संबंधित तथ्य नहीं दे पाने पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल सरकार को लगाई कड़ी फटकार
कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल सरकार को लगाई कड़ी फटकार

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : शिक्षा से संबंधित तथ्य निर्धारित समय पर नहीं दे पाने को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। राज्य के सरकारी स्कूल किस हालत में हैं, इसे लेकर हाईकोर्ट में एक मामला किया गया था। उसी मामले पर सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अदालत ने शिक्षा विभाग से उससे जुड़े तथ्य अदालत में जमा करने को कहा था। इस बाबत एक महीने का समय दिया गया था लेकिन निर्धारित समय में शिक्षा विभाग की ओर से कोई तथ्य अदालत में जमा नहीं किया गया।

इसपर कड़ी नाराजगी जताते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि एक राज्य चल रहा है लेकिन सरकार के पास कोई तथ्य नहीं है। सरकार बता नहीं पा रही कि राज्य में कितने स्कूल चल रहे हैं? उनमें कितने शिक्षक- शिक्षिकाएं हैं? तथ्यों के बिना ही राज्य सरकार स्कूल चला रही है। ये तथ्य देने के लिए एक दिन ही काफी होता है। अगर ये तथ्य नहीं हैं तो बहुत आश्चर्य की बात है। शिक्षा विभाग की तरफ से तथ्य देने के लिए अदालत से और समय मांगा गया। इसपर अदालत ने कहा कि बहुत ज्यादा समय नहीं दिया जा सकता। 27 सितंबर तक सारे तथ्य अदालत में जमा करने होंगे।

हाईकोर्ट ने दिया निजी स्कूलों की बकाया फीस का अविलंब भुगतान करने का निर्देश

दूसरी तरफ हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों की बकाया फीस का अविलंब भुगतान करने का निर्देश दिया है। न्यायाधीश इंद्र प्रसन्न मुखोपाध्याय की खंडपीठ ने कहा कि जिन्होंने अब तक निजी स्कूलों की शिक्षा वर्ष 2020-21 की फीस जमा नहीं की है, उन्हें अविलंब इसका 50 फीसद जमा करना होगा और उसके दो हफ्ते के अंदर और 25 फीसद फीस जमा करनी होगी।

अदालत ने निजी स्कूलों को भी निर्देश दिया कि वे किस मद में कितनी फीस ले रहे हैं, इसका विस्तार से विवरण अभिभावकों को देना होगा। इस मामले पर अगली सुनवाई एक अक्टूबर को होगी।

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