छात्रों में सिविल सर्विस के प्रति दिलचस्पी पैदा कर रही बंगाल सरकार
60 उम्मीदवार रेजिडेंट के तौर पर भी प्रशिक्षण ले सकेंगे। अगले साल होने वाली केंद्रीय सिविल सर्विस परीक्षा के लिए 200 छात्रों का चयन किया गया है। एसएनटीसीएससी के अध्यक्ष सुरजीत कर पुरकायस्थ ने बताया कि 3400 छात्रों में से 200 का चयन किया गया है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल सरकार माध्यमिक व उच्च माध्यमिक के छात्रों में सिविल सर्विस के प्रति दिलचस्पी पैदा करना चाहती है। राज्य सरकार के सत्येंद्रनाथ टैगोर सिविल सर्विसेज स्टडी सेंटर (एसएनटीसीएससी) में आयोजित एक कार्यक्रम में राज्य के मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी ने कहा कि शिक्षा विभाग इस बाबत योजना तैयार कर रहा है। जिला स्तर पर इसपर जोर दिए जाने की जरुरत है।
मुख्य सचिव ने आगे कहा कि साल्टलेक स्थित प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान (एटीआइ) में प्रशिक्षित किया जाएगा। देश के दो बेहतरीन संस्थान प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। राज्य सरकार प्रति छात्र एक लाख रुपये से अधिक की सब्सिडी देगी। उम्मीदवारों को प्रशिक्षण के लिए आवश्यक पुस्तकों से लेकर अन्य अध्ययन सामग्रियों के लिए कोई खर्च नहीं करना पड़ेगा। अगर किसी को आर्थिक परेशानी होगी, तो उसपर विचार किया जाएगा। 60 उम्मीदवार रेजिडेंट के तौर पर भी प्रशिक्षण ले सकेंगे। अगले साल होने वाली केंद्रीय सिविल सर्विस परीक्षा के लिए 200 छात्रों का चयन किया गया है। एसएनटीसीएससी के अध्यक्ष सुरजीत कर पुरकायस्थ ने बताया कि 3,400 छात्रों में से 200 का चयन किया गया है।
प्रशिक्षण के लिए दिल्ली और चेन्नई में दो संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव और वर्तमान में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार अलापन बंद्योपाध्याय ने सिविल सर्विस परीक्षा में बंगाल के बच्चों के कम प्रतिनिधित्व पर अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि आजादी से पहले और बाद में कुछ समय तक बंगाल सिविल सर्विस पर हावी रहा था लेकिन बाद में दशकों तक विभिन्न कारणों से इसके प्रति बंगाल के बच्चों में अनिच्छा देखी गई। यह प्रशासन को भी नुकसान पहुंचाता है क्योंकि यह युवाओं को रोजगार प्रदान नहीं करता।