Bengal coronavirus: अब बंगाल के ट्रिपल म्यूटेंट वेरिएंट ने बढ़ाई चिंता, घातक है कोरोना वायरस का यह भारतीय रूप
भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर कहीं ज्यादा घातक साबित हो रही है। महाराष्ट्र के विदर्भ इलाके में सामने आए भारतीय ओरिजिन के इस वेरिएंट पर सबकी नजर जमी ही थी कि अब बंगाल से एक अन्य वेरिएंट ने चिंता बढ़ा दी है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर कहीं ज्यादा घातक साबित हो रही है। वैज्ञानिकों ने इसके लिए भारत में ही बने नए कोविड वेरिएंट बी1.617 को डिकोड किया था। महाराष्ट्र के विदर्भ इलाके में सामने आए भारतीय ओरिजिन के इस वेरिएंट पर सबकी नजर जमी ही थी कि अब बंगाल से एक अन्य वेरिएंट ने चिंता बढ़ा दी है। बी1.618 को ट्रिपल म्यूटेंट बताया जा रहा है।
वैज्ञानिकों ने बी1.618 को बंगाल स्ट्रेन का नाम दिया है। नया वेरिएंट तीन अलग-अलग कोविड स्ट्रेस से मिलकर बना है। यानी कि कोरोना वायरस के इस स्ट्रेन ने तीन बार रूप बदला है। यह काफी घातक है। यह शरीर के इम्युन कवच को भी भेद दे रहा है। म्यूटेशन से पहले कोरोना से संक्रमित हो चुके लोग या फिर वैक्सीन लगवा चुके लोग भी इसकी चपेट में आ जा रहे हैं।
इंस्टिट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटिग्रेटिव बायोलॉजी में जीनोम म्यूटेशन रिसर्चर विनोद सकारिया ने कहा, 'बंगाल में हाल के महीनों में बी1.618 बहुत तेजी से फैला है। बी1.617 के साथ मिलकर इसने बंगाल में बड़ा रूप धारण कर लिया है।' कोलकाता से 50 किलोमीटर दूर कल्याणी में नेशनल इंस्टिटयूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स ने पिछले साल 25 अक्टूबर को एक मरीज में बंगाल स्ट्रेन को पहली बार पाया था। इस साल जनवरी तक यह बड़ी तादाद में फैल गया। एसोसिएट प्रोफेसर श्रीधर चिन्नास्वामी ने कहा कि बंगाल स्ट्रेन कथित डबल म्यूटेंट से अलग है। यह देश के कई हिस्सों में फैल गया है।