West Bengal Coronavirus: कोरोना की रोकथाम को सक्रिय हुई मायूम की रिसड़ा शाखा
मालूम हो कि पिछले लाॅकडाउन में शाखा के सदस्यों ने हुगली जिले के विभिन्न इलाकों में लगभग 50 हजार मास्क बांटे थे तथा 20 हजार से भी अधिक असहाय लोगों में अनाज तथा भोजन वितरित किया था। कोरोना की रोकथाम को सक्रिय हुई मायूम की रिसड़ा शाखा
कोलकाता, जागरण संवाददाता। देश में कोरोना की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए मारवाड़ी युवा मंच ( मायुम) की रिसड़ा शाखा फिर से संक्रमितों की सेवा और इसकी रोकथाम के लिए काम करने में जुट गई है। शाखा के सचिव अजय सिंगल ने बताया-' कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए इस बार हमलोगों ने ऑक्सीजन देने का भी काम शुरू किया है। इसकी रोकथाम के लिए शाखा पहले की तरह ही इन दिनों विभिन्न जगहो पर मास्क तथा सैनिटाइजर की बोतलें बांट रही है।'
मालूम हो कि पिछले दिनों सुशील भावसिंका ने फिर से रिसड़ा शाखा के अध्यक्ष का पद संभाला हैं। उसके बाद उन्होंने कोरोना को लेकर जरूरी बैठक की और इसकी रोकथाम की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। सचिव अजय सिंगल ने कहा-'अबतक हमने 80 कोरोना संक्रमितों को ऑक्सीजन, 54 को प्लाज्मा उपलब्ध कराया है। इसके अलावा 30 लोगों को लिए रक्तदान किया है।
कोरोना से पीड़ित तीन परिवारों के लिए हमने भोजन की भी व्यवस्था की हैं। इसकी रोकथाम के लिए लगभग तीन हजार लोगों के बीच मास्क तथा सैनिटाइजर बांटे गए हैं। मालूम हो कि पिछले लाॅकडाउन में शाखा के सदस्यों ने हुगली जिले के विभिन्न इलाकों में लगभग 50 हजार मास्क बांटे थे तथा 20 हजार से भी अधिक असहाय लोगों में अनाज तथा भोजन वितरित किया था।
अस्पताल में काम करने वाले ठेका श्रमिकों को भी मिले प्रोत्साहन भत्ता
बर्नपुर अस्पताल में कोरोना को लेकर सभी मेडिकल कर्मी व ठेका श्रमिक कोरोना मरीजों की देखभाल व कोविड 19 में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। लेकिन सेल आइएसपी प्रबंधन द्वारा जारी आदेश में प्रशिक्षु नर्सिंग व पारा मेडिकल कर्मियों को प्रतिदिन 200 रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है। वहीं इंटक ने समस्त मेडिकल स्टाफ और ठेका श्रमिक जो अस्पताल में कार्य कर रहे हैं, उन्हें भी यह प्रोत्साहन राशि देने की मांग की है। इंटक नेता सह ठेकेदार मजदूर कांग्रेस के महासचिव अजय राय ने कहा कि कोरोना के बढ़ते प्रभाव और दूसरी लहर में बर्नपुर अस्पताल के मेडिकल स्टॉफ, चिकित्सक व अस्पताल से जुड़े समस्त कर्मी जी जान से लगे हैं। वे फ्रंट लाइन वर्कर के रूप में कार्य कर रहे हैं।