Bengal coronavirus: बंगाल के 105 अस्पतालों में चिकित्सीय गैस पाइपलाइन प्रणाली की गई स्थापित

बंगाल सरकार ने कम से कम 105 सरकारी अस्पतालों में चिकित्सीय गैस पाइपलाइन प्रणाली स्थापित की हैं जिनसे करीब 12500 कोविड-19 मरीजों के उपचार में मदद मिलेगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसी प्रकार की प्रणालियां 15 मई तक 41 अन्य सरकारी अस्पतालों में स्थापित की जाएंगी।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Wed, 28 Apr 2021 06:25 PM (IST) Updated:Wed, 28 Apr 2021 06:25 PM (IST)
Bengal coronavirus: बंगाल के 105 अस्पतालों में चिकित्सीय गैस पाइपलाइन प्रणाली की गई स्थापित
ऑक्सीजन आपूर्ति करने वाले वाहनों के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाने के लिए नंबर जारी

राज्य ब्यूरो, कोलकाताः बंगाल सरकार ने कम से कम 105 सरकारी अस्पतालों में चिकित्सीय गैस पाइपलाइन प्रणाली स्थापित की हैं, जिनसे करीब 12,500 कोविड-19 मरीजों के उपचार में मदद मिलेगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसी प्रकार की प्रणालियां 15 मई तक 41 अन्य सरकारी अस्पतालों में स्थापित की जाएंगी। अधिकारी ने राज्य सरकार के अधिकारियों की एक डिजिटल बैठक के बाद कहा कि बंगाल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। हम 15 मई तक 41 अन्य अस्पतालों को इन प्रणालियों से जोड़ देंगे, जिससे तीन हजार और कोविड-19 मरीजों के उपचार में मदद मिलेगी।

ऑक्सीजन के लिए फोन से पुलिस परेशान 

कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या की वजह से ऑक्सीजन सिलेंडरों की मांग भी लगातार बढ़ रही है। हाल ही में कोलकाता ट्रैफिक पुलिस ने महानगर के विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनियों की मदद के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी की थी। इस नंबर पर फोन करने पर ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले वाहनों को पुलिस की तरफ से ग्रीन कॉरिडोर बना कर अस्पताल तक जल्द पहुंचाने की व्यवस्था की गई है।

कोलकाता पुलिस मुख्यालय लालबाजार सूत्रों के मुताबिक इस हेल्पलाइन नंबर के जारी होते ही इस पर आम लोगों के फोन लगातार आ रहे हैं। प्रति घंटे 15 से 20 फोन आ रहे हैं जो पुलिस कर्मियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। फोन करने वाले ट्रैफिक पुलिस से ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग कर रहे हैं, ताकि उनके घर में मरीजों को राहत मिल सके। कोलकाता ट्रैफिक पुलिस के संयुक्त आयुक्त संतोष पांडेय का कहना है कि ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले वाहनों को अस्पतालों में जल्द पहुंचाया जा सके, जिससे मरीजों को जल्द ऑक्सीजन मिल सके, इसके लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया था, लेकिन लोगों के बीच गलत संदेश चला गया है। अब इंटनेट मीडिया के माध्यम से लोगों से आवेदन किया जा रहा है कि पुलिस ऑक्सीजन सप्लाई नहीं कर रही, बल्कि ऑक्सीजन आपूर्ति करने वाले वाहनों के लिए ग्रीन कॉरिडोर बना रही है।

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