West Bengal Politcs: ममता बनर्जी के खिलाफ भवानीपुर विस सीट पर उम्मीदवार उतारने के पक्ष में नहीं बंगाल कांग्रेस

ममता के खिलाफ भवानीपुर विस सीट पर उम्मीदवार उतारने के पक्ष में नहीं बंगाल कांग्रेस प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने इसे लेकर पार्टी हाईकमान को लिखा पत्र राजनीतिक विश्लेषक कांग्रेस के इस कदम को 2024 में होने वाले लोस चुनाव से जोड़कर देख रहे

By Priti JhaEdited By: Publish:Fri, 04 Jun 2021 12:09 PM (IST) Updated:Fri, 04 Jun 2021 12:09 PM (IST)
West Bengal Politcs: ममता बनर्जी के खिलाफ भवानीपुर विस सीट पर उम्मीदवार उतारने के पक्ष में नहीं बंगाल कांग्रेस
अधीर ने कहा कि मुख्यमंत्री के खिलाफ उम्मीदवार उतारने की जरूरत नहीं है।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल कांग्रेस कोलकाता की भवानीपुर विधानसभा सीट पर मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी के खिलाफ उम्मीदवार उतारने के पक्ष में नहीं है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने इसे लेकर पार्टी हाईकमान को पत्र लिखा है, हालांकि अब तक उसका जवाब नहीं आया है। अधीर ने कहा कि मुख्यमंत्री के खिलाफ उम्मीदवार उतारने की जरूरत नहीं है। तृणमूल बहुमत के साथ बंगाल की सत्ता में आई है। उस सरकार की मुख्यमंत्री विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं इसलिए उनके खिलाफ उम्मीदवार उतारना सही नहीं होगा।

अधीर ने हालांकि साफ किया कि भवानीपुर सीट पर प्रत्याशी नहीं उतारने पर भी शमशेरगंज व शांतिपुर जैसी सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार खड़ा करेगी। गौरतलब है कि बंगाल की छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। चुनाव आयोग ने अभी उपचुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की है। तृणमूल के राज्यसभा सदस्य सुखेंदु शेखर राय ने अधीर के मत का स्वागत करते हुए कहा कि भवानीपुर सीट पर ममता बनर्जी की जीत सुनिश्चित है, हालांकि कांग्रेस अगर ऐसा सोच रही है या इस तरह का निर्णय लेने जा रही है तो यह राजनीति के लिए शुभ संकेत है।

कुछ राजनीतिक विश्लेषक कांग्रेस के इस कदम को 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं। उनका कहना है कि बंगाल विधानसभा चुनाव में भारी जीत के बाद ममता को राष्ट्रीय तौर पर मोदी विरोधी प्रमुख चेहरे के तौर पर देखा जा रहा है इसलिए कांग्रेस उनके साथ संबंध अच्छे रखकर चलना चाह रही है ताकि तृणमूल के साथ मिलकर अगला लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावना बनी रहे।

दूसरी तरफ कांग्रेस के साथ गठबंधन में साझेदार वामदलों के नेताओं का कहना है कि इस पर साथ मिलकर विचार करने की जरूरत है। कांग्रेस अथवा गठबंधन में शामिल किसी दल के भवानीपुर सीट पर प्रत्याशी नहीं उतारने पर वहां भाजपा मुख्य प्रतिद्वंद्वी के तौर पर उभरेगी। यह भविष्य में गठबंधन के लिए अच्छा साबित होगा या बुरा, इसकी गहराई से समीक्षा करनी होगी। 

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