आखिर निर्वाचन आयोग ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जावेद शमीम को पद से क्यों हटाया?

Bengal Chunav शनिवार को चुनाव आयोग ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) जावेद शमीम को उनके पद से हटा दिया एवं उनके स्थान पर जगमोहन को नियुक्त कर दिया। पिछले चुनाव में भी डीएम एसपी के तबादले पर ममता ने जमकर आयोग पर निशाना साधा था। फाइल फोटो

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 12:25 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 12:25 PM (IST)
आखिर निर्वाचन आयोग ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जावेद शमीम को पद से क्यों हटाया?
शमीम के तबादले पर अभी सीएम की प्रतिक्रिया नहीं आई है। फाइल फोटो

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। Bengal Chunav बंगाल में शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और निर्बाध मतदान संपन्न कराने को लेकर चुनाव आयोग पूरी तरह से तत्पर है। कहीं भी किसी तरह की कोई गड़बड़ी न हो इस पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। यही वजह है कि चुनाव की घोषणा और आदर्श आचार संहिता लागू होने के महज 24 घंटे के भीतर ही चुनाव आयोग का चाबुक बंगाल के एक वरिष्ठ आइपीएस अफसर पर चल गया। शनिवार को चुनाव आयोग ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) जावेद शमीम को उनके पद से हटा दिया एवं उनके स्थान पर जगमोहन को नियुक्त कर दिया।

आयोग की ओर से इस आदेश के अनुसार 1995 बैच के आइपीएस शमीम को जगमोहन के स्थान पर अग्निशमन विभाग का महानिदेशक बनाया गया है। उनका रैंक एडीजी का ही होगा। इस फेरबदल से कुछ घंटे पहले भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य निर्वाचन अधिकारी आरिज आफताब से मिला था और उसने उनसे ‘पक्षपाती’ पुलिस अधिकारियों को चुनाव ड्यूटी से हटाने की अपील की थी। इस प्रतिनिधिमंडल में सांसद स्वप्न दासगुप्ता एवं अर्जुन सिंह शामिल थे। राज्य की ममता सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले इसी माह शमीम को राज्य का अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) बनाया था। उससे पहले वह कोलकाता पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त थे। बंगाल में इस बार आठ चरणों में विधानसभा चुनाव होने जा रहा। पिछली बार सात चरणों में चुनाव हुए थे।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात करने के बाद दासगुप्ता ने संवाददाताओं से कहा था कि बंगाल में जिस तरह पुलिस प्रशासन काम कर रहा है, उससे स्पष्ट है कि यहां निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं है। हम कुछ पुलिस अधिकारियों का नाम भी बता सकते हैं, जो शहर में पदस्थापित हैं। यदि वे अपने पदों पर बने रहते हैं तो निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं है। आखिर आयोग ने जावेद शमीम को पद से क्यों हटाया? इस सवाल पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेता एवं सांसद सौगत रॉय का कहना है कि आयोग ने यह कदम किसके इशारे पर उठाया है यह देखना होगा। क्या इसके पीछे भाजपा का हाथ है यह भी देखना जरूरी है। यहां बताते चलें कि जब शुक्रवार को चुनाव आयोग ने बंगाल में आठ चरणों में मतदान कराने की घोषणा की तो मुख्यमंत्री और तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने सवाल उठाया था कि कहीं भाजपा के इशारे पर तो यह निर्णय नहीं लिया गया है? शमीम के तबादले पर अभी सीएम की प्रतिक्रिया नहीं आई है। 

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