Bengal Chunav 2021: तृणमूल कांग्रेस की राह में कांटा बना मनीष शुक्ला हत्याकांड

Bengal Chunav 2021 मनीष शुक्ला के पिता डा. चंद्रमणि शुक्ला का कहना है कि बैरकपुर की जनता इस बार बुलेट का जवाब बैलेट से देगी। उनका दावा है कि मनीष शुक्ला की हत्या का मामला इस बार के चुनाव पर असर डालेगा।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 09:16 AM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 09:16 AM (IST)
Bengal Chunav 2021: तृणमूल कांग्रेस की राह में कांटा बना मनीष शुक्ला हत्याकांड
मनीष शुक्ला हत्याकांड को भुनाने कोई कसर छोड़ना नहीं चाहती भाजपा

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। उत्तर 24 परगना की बैरकपुर विधानसभा सीट पर तृणमूल कांग्रेस को दोहरी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ जहां भाजपा नेता मनीष शुक्ला की हत्या का मामला उसकी राह में कांटा बना हुआ है वहीं दूसरी तरफ पार्टी में असंतोष भी उसे परेशान कर रखा है। इस सीट पर भाजपा ने मनीष शुक्ला के पिता डा. चंद्रमणि शुक्ला को उम्मीदवार बनाया है। बताते चलें कि गत वर्ष अक्टूबर में उत्तर 24 परगना जिले के टीटागढ़ पुलिस स्टेशन से चंद कदमों की दूरी पर भाजपा नेता मनीष शुक्ला की हत्या गोली मार कर कर दी गई थी। हत्या का आरोप तृणमूल समर्थित बदमाशों पर लगा है। 

बुलेट का जवाब बैलेट से देगी जनता चंद्रमणि शुक्ला: मनीष शुक्ला के पिता डा. चंद्रमणि शुक्ला का कहना है कि बैरकपुर की जनता इस बार बुलेट का जवाब बैलेट से देगी। उनका दावा है कि मनीष शुक्ला की हत्या का मामला इस बार के चुनाव पर असर डालेगा। भाजपा सूत्रों का कहना है कि बैरकपुर में भाजपा नेता मनीष शुक्ला की हत्या के बाद उनके पिता के राजनीति में आने के साथ मनीष के समर्थकों का बड़ा समर्थन उन्हें मिल रहा था। सियासी गलियारों में चर्चा है कि भाजपा इस घटना को भुनाने कोई कसर छोड़ना नहीं चाहती। इसी लिए मनीष शुक्ला के पिता डा.चंद्रमणि शुक्ला को ही पार्टी ने बैरकपुर सीट पर उम्मीदवार बनाया है। 

पार्टी में असंतोष तृणमूल के लिए बना गले की हड्डी: बैरकपुर विधानसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस ने जाने-माने फिल्म निर्देशक राज चक्रवर्ती को उम्मीदवार बनाया है। पिछले दिनों विधानसभा क्षेत्र में कई जगहों पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बाहरी उम्मीदवार बताकर राज चक्रवर्ती के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया था। इतना ही नहीं राज चक्रवर्ती को हराने का षड्यंत्र पार्टी के अंदर के लोग ही कर रहे हैं। यह आरोप बैरकपुर शहर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष प्रदीप घोष ने लगाया। साथी ही उन्होंने बिना किसी का नाम लिए अपनी ही पार्टी के नेतृत्व पर नाराजगी जाहिर की है। 

बैरकपुर विधानसभा चुनाव 2021: बैरकपुर विधानसभा सीट पर पिछले दो चुनावों से सत्ताधारी दल टीएमसी का कब्जा है। 2016 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी के शिलभद्र दत्त यहां से दूसरी बार विधायक चुने गए थे। माकपा के देबाशीष भौमिक को 7319 वोटों के मार्जिन से हराया था। तीसरे नंबर यहां भाजपा रही थी। बैरकपुर विधानसभा सीट पर पहली बार साल 1952 में वोट डाले गए थे, लेकिन इसके बाद इस सीट को समाप्त कर दिया गया। 2011 के चुनाव में यह दोबारा अस्तित्व में आई। 2011 के चुनाव में इस सीट पर टीएमसी ने कब्जा जमाया था।

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