Bengal Chunav: ममता सरकार नए कृषि कानून के खिलाफ 28 को विधानसभा में पारित करेगी प्रस्ताव

Bengal Chunav वामो-कांग्रेस ने कहा- ममता सरकार को नए कृषि कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने का नहीं है नैतिक अधिकार। पार्थ चटर्जी ने कहा कि विधानसभा का सत्र 27 जनवरी से शुरू होगा और 28 को नियम 169 के तहत नए कृषि कानून के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया जाएगा।

By PRITI JHAEdited By: Publish:Tue, 26 Jan 2021 08:42 AM (IST) Updated:Tue, 26 Jan 2021 08:42 AM (IST)
Bengal Chunav: ममता सरकार नए कृषि कानून के खिलाफ 28 को विधानसभा में पारित करेगी प्रस्ताव
ममता सरकार नए कृषि कानून के खिलाफ विधानसभा में पारित करेगी प्रस्ताव

कोलकाता, राज्य ब्यूरो।  बंगाल की ममता सरकार आगामी दो दिवसीय विधानसभा सत्र के दौरान 28 जनवरी को केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध और तत्काल निरस्त करने की मांग को लेकर प्रस्ताव पारित करेगी। राज्य के संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि विधानसभा का सत्र 27 जनवरी से शुरू होगा और 28 को नियम 169 के तहत नए कृषि कानून के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि जिस पर ढाई घंटे तक चर्चा की जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने सोमवार को अपने कक्ष में इस विशेष सत्र को लेकर सवर्दलीय बैठक बुलाई थी। राज्य सरकार चाहती थी कि कांग्रेस और वाममोर्चा भी इसका समर्थन करे ताकि संयुक्त प्रस्ताव लाया जा सके। परंतु, सरकार के प्रयास को कांग्रेस व वाममोर्चा ने यह कह कर विफल कर दिया कि वे नियम 185 के प्रस्ताव लाना चाहते थे।

चटर्जी ने कहा कि वे नियम 185 के तहत एक ही प्रस्ताव लाना चाहते थे। दो अलग-अलग नियमों के तहत एक ही मुद्दे पर दो प्रस्ताव लाने का क्या मतलब है? जब सरकार ने एक प्रस्ताव पेश किया है, तो उम्मीद है कि इसे स्वीकार किया जाएगा।

विपक्ष के नेता और वरिष्ठ कांग्रेस विधायक अब्दुल मन्नान ने कहा कि ममता सरकार के पास केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव लाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि राज्य प्रशासन ने भी कुछ साल पहले इसी तरह के कानून पारित किए थे।

जब तक ममता सरकार उन कानूनों को वापस नहीं लेती है, जो कुछ साल पहले पारित हो चुके है, सेंट्रल के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव लाने का कोई मतलब नहीं है। हमने जो प्रस्ताव दिया है उस पर सरकार अमल करे। वाममोर्चा और कांग्रेस ने हालांकि कहा कि वे चर्चा में हिस्सा लेंगे और सदन में अपने विचार रखेंगे। भाजपा विधायक दल के नेता मनोज टिग्गा ने कहा कि उनकी पार्टी इस प्रस्ताव का विरोध करेगी। प्रस्ताव के अलावा, कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना और जीएसटी से संबंधित मुद्दों से संबंधित दो विधेयक पेश किए जाएंगे। 

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