Bengal Chunav: पूर्व राष्ट्रपति के कारण कभी मुर्शिदाबाद की इस सीट का नाम आदर से लिया जाता था

Bengal Assembly Elections 2021 यहां मुख्य मुकाबला तृणमूल व भाजपा के बीच होने की उम्मीद है। पिछले लोकसभा चुनाव में जंगीपुर विधानसभा क्षेत्र में तृणमूल को करीब 79 हजार तो भाजपा को करीब 66 हजार मत मिले थे।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Wed, 07 Apr 2021 10:21 PM (IST) Updated:Thu, 08 Apr 2021 08:47 AM (IST)
Bengal Chunav: पूर्व राष्ट्रपति के कारण कभी मुर्शिदाबाद की इस सीट का नाम आदर से लिया जाता था
भाजपा को विश्वास है कि हालिया घटना से क्षेत्र के लोगों में तृणमूल के प्रति आक्रोश है

डॉ. प्रणेश, जंगीपुर (मुर्शिदाबाद)। मुर्शिदाबाद की जंगीपुर लोकसभा सीट से प्रणब दा जैसे ईमानदार और लोकप्रिय नेता चुनाव जीते। बाद में उनके पुत्र अभिजीत मुखर्जी भी यहां से सांसद चुने गए। बड़े अदब से जंगीपुर का नाम लिया जाता था, लेकिन आज यहां के जनप्रतिनिधि पर हमला हो रहा है। अवैध कारोबार पर वर्चस्व की जंग में बमबाजी हो रही है। पूर्व राष्ट्रपति से नाम जुडऩे के कारण जो कभी हर्षित होकर अपने क्षेत्र का नाम बताते थे, आज उन्हें अपना पता बताने में झिझक होती है।

स्थानीय विधायक और तृणमूल के मंत्री जाकिर हुसैन पर 17 फरवरी 2021 की रात मुर्शिदाबाद जिले के निमतिता स्टेशन पर जानलेवा हमला हुआ। मंत्री कोलकाता जाने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंचे थे। वे बाल-बाल बच गए। लंबे समय तक इलाजरत थे। इस मामले की गंभीरता ऐसे समझी जा सकती है कि इसकी जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) कर रही है। प्रारंभिक तौर पर मंत्री पर हमले का आरोप तृणमूल के ही दूसरे धड़े पर लगा है।

इस मामले में एनआइए ने सूती विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल की प्रत्याशी एमानी विश्वास से पूछताछ की है। अब तक जो बातें निकल कर सामने आई हैं उसके अनुसार यह अवैध कारोबार पर कब्जे की लड़ाई का नतीजा है और इसकी जड़ें बांग्लादेश तक से जुड़ी हैं। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री कहते रहे हैं कि तृणमूल की सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी है। और सत्ता की शीर्ष से इन अवैध धंधों को संरक्षण मिलता है। अब भाजपा इस मामले पर हमलावर है और क्षेत्र के लोगों को बता रही कि शांति के लिए ऐसे दलों से किनारा करिए।

आम जनता विवाद से खुश नहीं : विधानसभा क्षेत्र के आमलोग भी इस प्रकार की घटनाओं से खुश नहीं हैं। जंगीपुर में बस स्टैंड में मिले अरुण मंडल कहते हैं कि राज्य में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। जब मंत्री पर हमला हो रहा है तो आम लोगों की क्या बिसात है। वे कहते हैं कि स्थिति में बदलाव आनी चाहिए। एसडीओ मैदान के पास चाय की दुकान पर मिले सुब्रतो पाल इस स्थिति के लिए मतदाताओं को ही जिम्मेदार ठहराते हैं। वे कहते हैं-जैसा कर्म करोगे, वैसा फल देगा भगवान। यहां की गुंडागर्दी से हमें बहुत शार्मिंदगी होती है। जंगीपुर से भाजपा प्रत्याशी सुजीत दास तृणमूल को अपराधियों का झुंड बताते हुए कहते हैं कि गंगा के रास्ते पशु से लेकर जाली नोट तक का कारोबार होता है। वे पूछते हैं-क्या सत्ताधारी सांसद-विधायक के संरक्षण के बिना यह सब संभव है? कहते हैं कि जाकिर हुसैन राइस मिल व बीड़ी फैक्ट्रियों के मालिक हैं। वित्तीय वर्ष 2015-16 में उनकी आय 94 लाख 78560 रुपये थी जो वर्तमान में बढ़कर नौ करोड़ 75 लाख 6240 रुपये हो चुकी है। यह घोषित है। अघोषित की बात छोड़ दें। बाकी अंदाजा आप स्वयं लगा लें कि आखिर कहां से इतनी अकूत कमाई हो रही है। उधर, जाकिर हुसैन आरोपों से इन्कार करते हैं। वे कहते हैं कि विरोधियों का काम आरोप लगाना है और वे यह काम कर रहे हैं।

आधा दर्जन प्रत्याशियों ने किया नामांकन : यहां मुख्य मुकाबला तृणमूल व भाजपा के बीच होने की उम्मीद है। पिछले लोकसभा चुनाव में जंगीपुर विधानसभा क्षेत्र में तृणमूल को करीब 79 हजार तो भाजपा को करीब 66 हजार मत मिले थे। भाजपा को विश्वास है कि हालिया घटना से क्षेत्र के लोगों में तृणमूल के प्रति आक्रोश है, ऐसे में 13 हजार के अंतर को वह आसानी से पाट लेगी।

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