हावड़ा में भी तृणमूल के सामने कड़ी चुनौती, वाममोर्चा, कांग्रेस और आइएसएफ भी एकजुट होकर चुनावी मैदान में

Bengal Chunav 2021 सत्ताधारी दल के हावड़ा जिला संगठन में पड़ चुकी है दरार। पिछले कुछ वर्षों में भाजपा ने यहां तेजी से जमाई है पैठ। गाल विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में ग्रामीण हावड़ा की सात सीटों के लिए हुआ मतदान तृणमूल कांग्रेस के लिए जितना चुनौतीपूर्ण रहा।

By Priti JhaEdited By: Publish:Thu, 08 Apr 2021 11:00 AM (IST) Updated:Thu, 08 Apr 2021 11:00 AM (IST)
हावड़ा में भी तृणमूल के सामने कड़ी चुनौती, वाममोर्चा, कांग्रेस और आइएसएफ भी एकजुट होकर चुनावी मैदान में
हावड़ा में भी तृणमूल के सामने कड़ी चुनौती

कोलकाता, विशाल श्रेष्ठ। बंगाल विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में ग्रामीण हावड़ा की सात सीटों के लिए हुआ मतदान तृणमूल कांग्रेस के लिए जितना चुनौतीपूर्ण रहा, अब चौथे चरण में शहरी हावड़ा की नौ सीटों के लिए पडऩे जा रहा वोट उससे भी मुश्किल भरा होने वाला है। कारण, पिछले कुछ वर्षों में भाजपा ने यहां तेजी से अपनी पैठ जमाई है। दूसरी तरफ वाममोर्चा, कांग्रेस और इंडियन सेक्युलर फ्रंट भी एकजुट होकर चुनावी मैदान में हैं।

अरूप रॉय व राजीब बनर्जी की नाक की लड़ाई

इन सीटों को ममता सरकार के मंत्री अरूप राय व पूर्व मंत्री राजीब बनर्जी की नाक की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है। राजीब हाल में तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं और इस बार भी डोमजूड़ से प्रत्याशी हैं, वहीं अरूप राय फिर मध्य हावड़ा सीट से मैदान में हैं। दोनों में प्रत्यक्ष चुनावी मुकाबला न होने पर भी महा मुकाबला है। अरूप-राजीब में प्रतिद्वंद्विता जगजाहिर है। राजीब जब तृणमूल में थे, तब भी दोनों में टकराव की स्थिति थी और अब तो दोनों धुर-विरोधी दलों से हैं और उन दोनों पर ही अपने दल के लिए शहरी हावड़ा की इन नौ सीटों को जिताने का दारोमदार है।

तृणमूल के लिए नुकसानदेय साबित हो सकती है हावड़ा जिला संगठन में पड़ी दरार

सियासी विश्लेषक कहते हैं कि तृणमूल के हावड़ा जिला संगठन में पड़ी दरार चुनाव में उसके लिए नुकसानदेय साबित हो सकती है। पहले खेल राज्य मंत्री लक्ष्मीरतन शुक्ला ने तृणमूल छोड़ी, फिर राजीब बनर्जी ने वन मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। लक्ष्मीरतन ने अब तक कोई और पार्टी ज्वाइन नहीं की है लेकिन राजीब भाजपा में शामिल हो गए। उनके साथ बाली सीट से तृणमूल विधायक रहीं वैशाली डालमिया और हावड़ा के पूर्व मेयर व तृणमूल के वरिष्ठ नेता रहे रथिन चक्रवर्ती ने भी भगवा झंडा थाम लिया। बाद में टिकट नहीं मिलने से खफा होकर वरिष्ठ तृणमूल नेता जटु लाहिड़ी भी भाजपा से जा मिले। ये सभी तृणमूल के पिछले 9/9 स्कोर को तोडऩे की जुगत में हैं।

क्रिकेटर बनाम पूर्व मेयर

शिवपुर सीट पर एक तरफ तृणमूल के सेलिब्रिटी प्रत्याशी क्रिकेटर मनोज तिवारी हैं तो उनके मुकाबले हावड़ा के पूर्व मेयर रथिन चक्रवर्ती हैं, वहीं फॉरवर्ड ब्लॉक से जगन्नाथ भट्टाचार्य मैदान में हैं।

डोमजूड़ में राजीब बनाम राजीब!

डोमजूड़ सीट पर राज्य के पूर्व वनमंत्री राजीब बनर्जी हैं तो उनके मुकाबले एक और राजीब बनर्जी हैं, जो निर्दलीय प्रत्याशी हैं, हालांकि पूर्व मंत्री का मुख्य मुकाबला तृणमूल के कल्याण घोष व माकपा के उत्तम बेरा से है। वहीं मध्य हावड़ा में मंत्री अरूप राय के मुकाबले भाजपा के कद्दावर नेता संजय सिंह हैं। कांग्रेस ने वहां पलाश भंडारी को टिकट दिया है।

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