Bengal Assembly Elections 2021: विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल की विभिन्न रेल परियोजनाओं को रेलमंत्री ने देश को किया समर्पित
पीयूष गोयल ने कहा कि बंगाल को देश में व्यापार और व्यावसायिक गतिविधियों में अग्रणी राज्य बनाने का जो सपना पीएम का है वैसा ही होगा। रेल बंगाल से देश के सभी हिस्सों तक कच्चे माल की उपलब्धता उत्पादों की ढुलाई सुनिश्चित करके राज्य विकास में अहम भूमिका निभा सकती।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने मालदा और मणिग्राम के निकट हाल में विद्युतीकृत मणिग्राम-निमतिता रेलखंड, रोड अंडर ब्रिज (आरयूबी), खागड़ाघाट रोड, लालबाग कोर्ट रोड, तेन्या, दहपराधाम और नियालिशपाड़ा स्टेशनों पर पांच फुट ओवर ब्रिज तथा सजनीपाड़ा और बासुदेबपुर स्टेशनों पर दो फुट ओवर ब्रिज का वर्चुअली बुधवार को राष्ट्र को समर्पित किया। यह सभी स्टेशन पूर्व रेलवे के मालदा मंडल के अंतर्गत आते हैं। पीयूष गोयल ने नए विद्युतीकृत मणिग्राम-निमिताता खंड पर मालगाडी को भी हरी झंडी भी दिखाई।
इस अवसर पर पीयूष गोयल ने कहा कि बंगाल को देश में व्यापार और व्यावसायिक गतिविधियों में अग्रणी राज्य बनाने का जो सपना पीएम मोदी का है वैसा ही होगा। रेल बंगाल से देश के सभी हिस्सों तक कच्चे माल की उपलब्धता और उत्पादों की ढुलाई सुनिश्चित करके राज्य के विकास में अहम भूमिका निभा सकती है।
उन्होंने कहा कि बंगाल की सभी लाइनें 2023 तक विद्युतीकृत हो जाएंगी, जिससे प्रदूषण घटेगा, गति में सुधार होगा और यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी। बीते छह साल में रेलवे के आधारभूत ढांचे में सुधार के लिए बंगाल में 19,811 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। मंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय रेलवे अब सबसे सुरक्षित होने की उपलब्धि हासिल कर ली है, क्योंकि किसी रेल हादसे में जान नहीं गई है। यह उपलब्धि रेलवे के कर्मचारियों के अथक परिश्रम से हासिल हुई है।
कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने और हरित ऊर्जा को प्रोत्साहन देने के क्रम में पूर्व रेलवे का 34 किलोमीटर लंबा मणिग्राम- निमितिता खंड 52.05 करोड़ रुपये की लागत से विद्युतीकृत किया गया है। यह हावड़ा से डिब्रूगढ़ के लिए हाई यूटिलिटी नेटवर्क सागर पूर्वोदय संपर्क लाइन का एक भाग है। इससे सागरदीघी तापीय बिजली संयंत्र और सोनार बांग्ला सीमेंट संयंत्र को जाने वाले माल की रेक के लिए ट्रैक को डीजल से विद्युत में तब्दील करने में मदद मिलेगी। इससे इस खंड में यात्री ट्रेनों को डीईएमयू और एमईएमयू में रूपांतरित करने का मार्ग प्रशस्त होगा। इससे डीजल की बचत होगी और क्षेत्र के समग्र औद्योगिक विकास में भी योगदान होगा।