West Bengal Assembly Election 2021: कोविड-19 वैक्सीन की आड़ में सियासत शुरू
West Bengal Assembly Election 2021 ममता ने देश में कोरोना वायरस के इलाज में दवाओं की कमी को लेकर मोदी सरकार पर आरोप जड़ते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने नाम के लिए पूरी दुनिया को वैक्सीन बांट दी।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। West Bengal Assembly Election 2021 बंगाल के चुनावी मौसम में हर मुद्दे पर सियासत हो रही है। इस मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बात ही अलग है। चुनाव आयोग से लेकर केंद्रीय सुरक्षा बलों तक को उन्होंने सियासत का हिस्सा बनाया, अब कोरोना को लेकर सियासत शुरू कर दी है। बंगाल में पिछले 24 घंटे में 7,713 संक्रमण के मामले सामने आए और 34 लोगों की कोरोना वायरस के चलते मौत हुई है। टेस्टिंग की संख्या अब भी बहुत कम है। अब भी 50 हजार भी इसकी संख्या नहीं पहुंची है। ममता ने देश में कोरोना वायरस के इलाज में दवाओं की कमी को लेकर मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने नाम के लिए पूरी दुनिया को वैक्सीन बांट दी है।
देश में रेमडेसिविर और ऑक्सीजन की कमी है। आज हमारे देश में दवा नहीं है, लेकिन 80 देशों में दवा भेजी गई। मुङो कोई समस्या नहीं है अगर आप दवा बाहर भेजते हैं, लेकिन पहले इसे अपने देश को उपलब्ध कराइए। आप इसे अपने नाम बनाने के लिए कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर उन्होंने पीएम मोदी को दो पन्ने का एक पत्र लिखकर कोरोना से निपटने में मदद मांगी है। साथ ही, कोरोना वैक्सीन, आवश्यक दवाएं और पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध कराने की भी मांग की है। वहीं अन्य राज्यों से आकर बंगाल में कोरोना संक्रमण फैलाने का आरोप भी भाजपा पर मढ़ दिया। इसके अलावा, रविवार को केंद्र की मोदी सरकार पर लोगों के स्वास्थ्य से खेलने का आरोप लगाते हुए ममता ने महानगर के ढाकुरिया ब्रिज से कालीघाट क्रॉसिंग तक रोड-शो किया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। एक दिन पहले ही पीएम मोदी ने ममता पर यह कहते हुए निशाना साधा था कि कोरोना समेत अन्य किसी भी अहम मुद्दे पर मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई जाती है तो वह शामिल नहीं होती हैं। केंद्र के हर योजना, निर्देश को नहीं मानती है।
माना जा रहा है कि इसी को लेकर ममता ने पत्र लिखा है और मांग की है कि बंगाल को तत्काल 5.4 करोड़ और वैक्सीन का डोज उपलब्ध कराई जाए। साथ ही यह भी लिखा कि राज्य अपने धन से सभी को निशुल्क कोरोना वैक्सीन देना चाहता है, जिसके लिए उसे भारत सरकार से कोरोना वैक्सीन खरीदने की मंजूरी नहीं मिल रही है। यह विशुद्ध रूप से सियासत नहीं तो और क्या है? जब सब को पता है कि केंद्र सरकार की ओर से सरकारी अस्पतालों में निशुल्क सभी को वैक्सीन दी जा रही है तो फिर यह बात लिखने का तात्पर्य क्या है? जैसे-जैसे वैक्सीन का उत्पादन हो रहा है वैसे-वैसे सभी राज्यों को वैक्सीन भेजी जा रही है।