Bengal Assembly Elections: आठ महीने के लंबे अंतराल के बाद फिर राजनीतिक रणभूमि में उतर पड़ी हैं ममता

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 20 दिन पहले ही इस जिले में आए थे बांकुड़ा में दो लोकसभा सीटें हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में दोनों सीटें भाजपा ने जीती थीं। लोकसभा चुनाव के वोट शेयर के मुताबिक तृणमूल इस जिले में कम से कम 14 विधानसभा सीटों पर पिछड़ रही है।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 10:59 AM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 10:59 AM (IST)
Bengal Assembly Elections: आठ महीने के लंबे अंतराल के बाद फिर राजनीतिक रणभूमि में उतर पड़ी हैं ममता
ममता ने बांकुड़ा को अपनी पहली सार्वजनिक रैली के स्थल के रूप में चुना।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो आठ महीने के लंबे अंतराल के बाद फिर राजनीतिक रणभूमि में उतर पड़ी हैं। ममता ने कहा-'काम का दबाव बढ़ गया था इसलिए वह धीमी हो गई थीं लेकिन अब और नहीं। ममता ने बांकुड़ा को अपनी पहली सार्वजनिक रैली के स्थल के रूप में चुना। कारण केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 20 दिन पहले ही इस जिले में आए थे। बांकुड़ा में दो लोकसभा सीटें हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में दोनों सीटें भाजपा ने जीती थीं। लोकसभा चुनाव के वोट शेयर के मुताबिक तृणमूल इस जिले में कम से कम 14 विधानसभा सीटों पर पिछड़ रही है।

ममता ने पार्टी कैडरों को याद दिलाया कि तृणमूल का मतलब जमीनी स्तर से है। वे दिन-रात काम करती हैं क्योंकि वे कुछ अच्छा करना चाहती हैं। तृणमूल के राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की टीमें हरेक विधानसभा क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं और हरेक विधायक का ब्योरा रखते हुए और अपनी रिपोर्ट जमा कर रही हैं।

मुख्यमंत्री चक्रवात और कोरोना महामारी के दोहरे हमले के कारण प्रशासनिक कार्यों में लगी हुई थीं, लेकिन अब उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती अगले साल होना वाला विधानसभा चुनाव है। इसमें कुछ ही महीने बचे हैं। ममता ने कहा-'मैं लोगों के लिए और इस पार्टी के लिए तब तक काम करूंगी, जब तक मैं जिंदा हूं।

भाजपा का नाम लिए बगैर, उन्होंने कहा-'जो लोग पैसे से बंगाल खरीदना चाहते हैं, वे जान लें कि बंगाल पैसे के आगे नहीं झुकताकै। आगामी चुनाव में खरीद-फरोख्त की आशंका है। राजस्थान, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में ऐसी स्थिति देखी गई थी। 

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