ममता बनर्जी के दिल्ली दौरे से पहले बंगाल भाजपा अध्यक्ष ने बोला हमला, 2024 में 2019 से भी लगेगा बड़ा झटका
बंगाल विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी को शिकस्त देने के लिए विपक्षी दलों को गोलबंद करने में जुटीं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमों ममता बनर्जी पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने शनिवार को करारा हमला बोला।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी को शिकस्त देने के लिए विपक्षी दलों को गोलबंद करने में जुटीं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमों ममता बनर्जी पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने शनिवार को करारा हमला बोला। घोष ने कहा कि ममता इससे पहले भी विपक्षी दलों को एकजुट करने की कवायद कर चुकी हैं, लेकिन इसका क्या परिणाम निकला यह पूरा देश जानता है। उन्होंने कहा कि ममता को 2024 में 2019 से भी बड़ा झटका लगेगा, उसके लिए वह अभी से तैयार हो जाएं।
यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में घोष ने कहा- 'ममता बनर्जी ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले पूरे देश भर से विपक्षी दलों के नेताओं को बुलाकर कोलकाता के ब्रिगेड मैदान में महारैली की थी। इसके बाद क्या चुनाव नतीजे आए, यह सबके सामने हैं। तृणमूल लोकसभा में 34 सीटों से सिमट कर 22 पर आ गई।जो नेता यहां आए थे उसमें से कई दलों का तो अस्तित्व ही खत्म हो गया और वे वजूद बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे में ममता 2019 से भी बड़ा झटका खाने के लिए तैयार रहें।' घोष ने यह टिप्पणी उस संदर्भ में की है जब ममता अगले हफ्ते दिल्ली के दौरे पर जाने वाली है और वह कई विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात करने वाली हैं।
डोम की नौकरी के लिए इंजीनियर और ग्रेजुएट के आवेदन करने पर ममता को घेरा
घोष ने कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल के मुर्दाघर में शवों को संभालने के लिए डोम के छह पदों के लिए निकली भर्ती के लिए आवेदन करने वाले 8000 आवेदकों में इंजीनियर, ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट उम्मीदवारों के शामिल होने को लेकर भी ममता सरकार को घेरा और विकास के दावे पर सवाल उठाए।
उन्होंने पूछा कि जब राज्य सरकार कह रही है कि लाखों करोड़ का निवेश हुआ है तो नौकरी कहां गई? घोष ने दावा किया कि बंगाल में बेरोजगारी दर 26 फीसद हो गई है और उसने आसपास के सभी राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि ममता दीदी तो पीएम बनने के लिए दिल्ली जा रही हैं, लेकिन बंगाल के बेरोजगार युवा कहां जाएंगे?