मृत जैसी अवस्था में रख हुआ सात घंटे ऑपरेशन, तीरंदाज के महाधमनी में घूस गया था तीर
भूटान के पुनाखा में तीरंदाजी प्रतियोगिता के दौरान 35 वर्षीय एक तीरंदाज टो उचे के साथ दुर्घटना हो गई। एक तीर उसके शरीर को बेधते हुए महाधमनी में जा घुसा।
जागरण संवाददाता, कोलकाता। भूटान के पुनाखा में तीरंदाजी प्रतियोगिता के दौरान 35 वर्षीय एक तीरंदाज टो उचे के साथ दुर्घटना हो गई। एक तीर उसके शरीर को बेधते हुए महाधमनी में जा घुसा। महाधमनी में ही हृदय की मांसपेशी के संकुचन से रक्त घुसता है फिर पूरे शरीर के अंगों तक पहुंचता है। ऐसी स्थिति में तीरंदाज की जान पर बन आई। उसे तत्काल एयरलिफ्ट कर कोलकाता के फोर्टिस अस्पताल ले आया गया। यहां के डॉक्टरों ने दुर्लभ तकनीक का प्रयोग करते हुए 7 घंटे तक लगातार ऑपरेशन कर तीरंदाज की जान बचा ली। अब वह खतरे से बाहर है।
18 डिग्री पर रखा गया शरीर
तीरंदाज टो उचे का ऑपरेशन करने वाली डॉक्टरों की टीम ने डॉ. केएम मदाना के नेतृत्व में इस कार्य को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। डॉ. केएम मदाना बताते हैं, हमने ऑपरेशन के दौरान टोटल सर्कुलेटरी अरेस्ट तकनीक (सीटीए) का इस्तेमाल किया। इसके तहत मरीज के शरीर का तापमान 18 डिग्री सेल्सियस तक रखा गया। उसके हृदय ने धड़कना बंद कर दिया और उसका पूरा रक्त मशीन की मदद से बाहर निकाल लिया गया। तीरंदाज तेजी से स्वस्थ हो रहा है।
मृत जैसी अवस्था में रख हुआ ऑपरेशन
गत शुक्रवार को भूटान से एयरलिफ्ट कर कोलकाता लाए गए टो उचे का पहले भूटान के डॉक्टरों ने इलाज किया था। उन्होंने दर्द कम करने की दवाइयां देकर तीरंदाज को कोलकाता के अस्पताल भेज दिया। फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया, टीसीए तकनीक में मरीज को पूरी तरह से मृत जैसी अवस्था में रखा जाता है। इस स्थित में उसे अधिकतम 40 मिनट तक रखा जा सकता है। इसलिए तीरंदाज के शरीर में फंसे तीर को निकालने में तेजी बरती गई।