एक कलाकार के लिए लोगों से मिलने वाला निस्वार्थ प्यार से बढ़कर कुछ नहीं होता : अनुराग मौर्य

अनुराग ने अपने करियर की शुरुआत 2012 में दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले रियलिटी शो भारत की शान से की थीजिसके जज संगीतकार इस्माइल दरबार और गायिका उषा उत्थुप थीं। इसके बाद यूट्यूब पर बहुत से गीतों के कवर वर्जन्स गाए।अनुराग की एक अलग पहचान लोगों के सामने उभरकर आई।

By Priti JhaEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 11:12 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 11:12 AM (IST)
एक कलाकार के लिए लोगों से मिलने वाला निस्वार्थ प्यार से बढ़कर कुछ नहीं होता : अनुराग मौर्य
'अनुराग मौर्य' उभरते हुए उम्दा गायकों में से एक

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। मेरी मंज़िल, तुम बिन, चलने लगी है, कुछ न बाक़ी रहा, तेरी आंखों से और क्यूं हो गई जुदा जैसे बैक टू बैक हिट गाने अपने फैंस को सुनाने वाले 'अनुराग मौर्य' उभरते हुए उम्दा गायकों में से एक हैं। वह जिस भी गाने को अपनी आवाज़ देते हैं, वह सीधे उनके फैंस के दिलों और दर्शकों तक पहुंचती हैं। इसी क्रम में अनुराग एक बार फिर अपने नए गीत "ओ रे पिता" फादर्स डे के मौके पर लेकर आ रहें हैं, जिसे लिखा और कंपोज किया है ज़ुहैब ख़ान ने।

अनुराग ने अपने करियर की शुरुआत 2012 में दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले रियलिटी शो "भारत की शान" से की थी, जिसके जज संगीतकार इस्माइल दरबार और गायिका उषा उत्थुप थीं। इसके बाद यूट्यूब पर बहुत से गीतों के कवर वर्जन्स गाए। लेकिन धीरे-धीरे उनके सिंगल ट्रैक्स लोगों को इतने पसंद आने लगे कि अनुराग की एक अलग पहचान लोगों के सामने उभरकर आई। लेकिन बहुत कम लोग जानते होंगे कि अनुराग का सिंगिंग का सफ़र कहां से शुरू हुआ। कैसे कोलकाता से मुंबई जाकर अनुराग मौर्य ने खुद को भीड़ से अलग किया और अपनी अलग पहचान बनाई।

अनुराग बताते हैं- 'दरअसल मुझे स्कूल के समय से गाने गाना का बहुत शौक था। तब भी मैं गाना गाता था और सभी क्लासमेट, टीचर ताली बजाते थे मेरे लिए। फिर पूरे स्कूल के लिए गाना गाया। धीरे-धीरे मुझे अच्छा लगने लगा लोगों के सामने गाना और सबको अपनी आवाज से खुश करना। इसके बाद मैं मुंबई आया। रियलिटी शो से निकलने के बाद दो साल तक कोई काम नहीं मिला फिर मैंने यूट्यूब पे कवर वर्जन सोंग्स पोस्ट करना शुरू किया। जिसे सुनकर कंपोजर उर्मिला वारु ने मुझे लंदन से संपर्क किया और उन्होंने मुझे एल्बम "मेरी मंज़िल" में गाने का मौका दिया।यहां से मुझे पहचान मिलना शुरू हुई। इसके बाद मैने उर्मिला जी के लिए एक के बाद एक कई एलबम में अपनी आवाज़ दी जिनमे "तुम बिन", "माने न मन", "तेरे लिए", "धीरे धीरे", "तेरे सिवा" आदि प्रमुख हैं।'

'लोग मेरे गाने से अपने निजी ज़िंदगी को कनेक्ट कर सकें'

उनके हालिया रिलीज़ गीत "तेरी आंखों से" और "चेहरा सलोना" को जनता द्वारा काफ़ी पसंद किए जाने के सवाल पर अनुराग ने कहा- मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। अभी लॉकडाउन में लोग इतने डिस्टर्ब हैं तो मैं चाह रहा था कि क्यों न कुछ ऐसा गाना गाऊं जो लोगों के दिलों तक पहुंचे और मेरी आवाज लोगों का दिल जीते। मेरा लक्ष्य गाने को ट्रेंड करवाना नहीं होता बल्कि मैं यह चाहता हूं के लोग मेरे गाने से अपने निजी ज़िंदगी को कनेक्ट कर सकें।

वहीं, ज़ुहैब ख़ान के साथ कोलेबोरेशन के सवाल पर अनुराग ने कहा- ज़ुहैब से मेरी जान पहचान करीब तीन साल पहले फेसबुक पर हुई थी और उसके संगीत के प्रति लगन और प्रतिभा से मैं काफ़ी प्रभावित हुआ। पिछले वर्ष ही लॉकडॉन के दौरान उसने "चेहरा सलोना" अपनी आवाज़ में गिटार बजाके रिकॉर्ड करके भेजा था, उस वक्त मैं कोलकाता में था लेकिन उसी पल इस प्रॉजेक्ट को ज़ुहैब के साथ करने का मन बना लिया था।

'मेरी अचीवमेंट मेरी ऑडियंस हैं'

लाइफ की सबसे बड़ी अचीवमेंट क्या है? इस सवाल पर अनुराग ने कहा- मेरी अचीवमेंट मेरी ऑडियंस हैं। लोग मुझे प्यार देते हैं, मुझे पसंद करते हैं यही बहुत बड़ी बात है। मेरे गाने से लोग अपने आपको रिलेट कर पाते हैं और जब उनके प्यार से भरे भावनात्मक कॉमेंट्स और मैसेजेस पढ़ता हूं तो भावुक हो जाता हूं।एक कलाकार के लिए लोगों से मिलने वाला निस्वार्थ प्यार से बढ़कर कुछ नहीं होता। अनुराग ने आगे बताया- बहुत से लोग नहीं जानते कि मैं क्लासिकल सूफी सॉन्ग भी गाता हूं, तो मैं अपना ये साइड भी लोगों को दिखाना चाहूंगा, और दूसरा मैं एक बहुत अच्छा कुक भी हूं। तरह- तरह के लज़ीज़ पकवान बनाना मुझे काफ़ी पसंद है।

'सचिन तेंदुलकर जैसी एकाग्रता और धैर्य लेना चाहूंगा'

तीन विश मांगने का मौका मिले, तो आप क्या मांगना चाहेंगे? इस सवाल पर अनुराग हंसते हुए कहते हैं- संगीत के क्षेत्र में मैं ए.आर रहमान से उनकी म्यूजिकल स्किल लेना चाहूंगा, सोनू निगम से उनकी गाने की स्टाइल, अरिजीत सिंह जैसी सादगी और एक्टर में शाहरुख ख़ान जैसा मनमोहक अंदाज़ व क्रिकेटर में सचिन तेंदुलकर जैसी एकाग्रता और धैर्य लेना चाहूंगा।

'मेरे सभी श्रोता मेरे परिवार की तरह हैं'

अनुराग अंत में कहते हैं कि मेरे सभी श्रोता मेरे परिवार की तरह हैं। वो मुझे इतना प्यार देते हैं। उन्हें भी ये पता हैं कि मैं उन्हें बहुत पसंद करता हूं। मेरा जो भी अपडेट होता है उन तक सबसे पहले पहुंच जाता है। वो सबसे खास हैं मेरे लिए । 

chat bot
आपका साथी