एक और भाजपा सांसद ने अलग जंगलमहल राज्य की मांग की, तृणमूल कांग्रेस ने कहा- बंगाल को बांटना चाहती है भाजपा
बंगाल के भाजपा सांसद जॉन बार्ला की उत्तर बंगाल राज्य की मांग के बीच अब एक और भाजपा सांसद सौमित्र खां ने अलग से जंगलमहल राज्य की मांग कर सूबे की सियासत में हलचल मचा दी है। क्षेत्र के लोगों के विकास के लिए जंगलमहल राज्य जरूरी है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल के भाजपा सांसद जॉन बार्ला की उत्तर बंगाल राज्य की मांग के बीच अब एक और भाजपा सांसद सौमित्र खां ने सोमवार को अलग से जंगलमहल राज्य की मांग कर सूबे की सियासत में हलचल मचा दी है। सौमित्र खां ने कहा कि इस क्षेत्र के लोगों के विकास के लिए जंगलमहल राज्य जरूरी है। दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता कुणाल घोष ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा बंगाल को विभाजित करना चाहती है।
बंगाल के जंगलमहल क्षेत्र में पूर्व मेदिनीपुर, पश्चिम मेदिनीपुर, पुरुलिया, बीरभूम, बांकुड़ा तथा हुगली के कुछ इलाके आते हैं, जिसे राढ बंगाल भी कहा जाता है। अलीपुरद्वार के भाजपा सांसद जॉन बार्ला पिछले कुछ दिनों से अलग उत्तर बंगाल राज्य की मांग कर रहे हैं। इसी बीच बंगाल के विष्णुपुर के भाजपा सांसद सौमित्र खां ने अलग जंगलमहल राज्य की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों के विकास और रोजगार के लिए अलग जंगलमहल राज्य की जरूरत है। सौमित्र ने कहा कि वर्ष 1803-1832 तक बीरभूम, बर्द्धमान, दुर्गापुर, आसनसोल, बांकुड़ा, बिष्णुपुर, झाड़ग्राम, पूर्व मेदिनीपुर, पश्चिम मेदिनीपुर तथा हुगली के कुछ हिस्से को लेकर अलग जंगलमहल जिला था जिसे अलग राज्य बनाया जाए।
उन्होंने कहा कि हम बंगाल के लोगों के विकास के लिए अलग जंगलमहल जिले की मांग कर सकते हैं। हम भारतीय हैं। नए राज्य की मांग करना किसी राज्य का विरोध नहीं करना है। अगर कोई देश के नागरिक को बाहरी कहता है तो उसके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं होता है। लेकिन जॉन बार्ला के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने ममता बनर्जी सरकार के अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई है।
बंगाल को बांटना चाहती है भाजपा : तृणमूल
-दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता कुणाल घोष ने पलटवार करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव में हार से तिलमिलाई भाजपा बंगाल को विभाजित करने की साजिश रच रही है जिसे ममता सरकार कभी पूरा नहीं होने देगी। वहीं दूसरी तरफ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि भाजपा बंगाल के विभाजन के पक्ष में नहीं है। अगर कोई पार्टी सांसद अगर ऐसा कहते हैं तो वह उनका विचार हो ही सकता है। इसमें बुराई क्या है।