बंगाल के जहरीली शराब कांड में मुख्य अभियुक्त को उम्रकैद की सजा, घटना में 173 लोगों की हुई थी मौत

बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के संग्रामपुर में दिसंबर 2011 में जहरीली शराब पीने से हुई 173 लोगों की मौत के मामले में कोलकाता की अलीपुर नगर दायरा अदालत ने सोमवार को मुख्य अभियुक्त नूर इस्लाम फकीर उर्फ खोड़ा बादशाह को उम्र कैद की सजा सुनाई।

By Priti JhaEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 01:04 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 07:13 PM (IST)
बंगाल के जहरीली शराब कांड में मुख्य अभियुक्त को उम्रकैद की सजा, घटना में 173 लोगों की हुई थी मौत
बंगाल के जहरीली शराब कांड में मुख्य अभियुक्त की सजा की घोषणा

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के संग्रामपुर में वर्ष 2011 में जहरीली शराब पीने से हुई 173 लोगों की मौत के मामले में कोलकाता की अलीपुर नगर दायरा अदालत ने सोमवार को मुख्य अभियुक्त नूर इस्लाम फकीर उर्फ खोड़ा बादशाह को उम्रकैद की सजा सुनाई। पिछले दिनों अदालत ने हत्या, गंभीर शारीरिक क्षति पहुंचाने सहित चार धाराओं तथा बंगाल आबकारी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत खोड़ा बादशाह को दोषी करार दिया था।

लगभग एक दशक के लंबे इंतजार के बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया। वहीं दूसरी ओर साक्ष्य के अभाव में अदालत ने सात लोगों को बरी कर दिया है। दिसंबर, 2011 में दक्षिण 24 परगना के संग्रामपुर तथा उसके आसपास के इलाकों में जहरीली शराब पीने से 173 लोगों की मौत हो गई थी। मामले की जांच के लिए बंगाल सरकार ने विशेष जांच टीम का गठन किया था। जांच में पता चला था कि नशे के स्तर को बढ़ाने के लिए शराब में मिथाइल अल्कोहल और जहरीले रसायनों का इस्तेमाल किया गया था, जिसने 173 लोगों की जान ले ली थी।

घटना के एक महीने बाद मुख्य अभियुक्त ने आत्मसमर्पण कर दिया था। 10 साल पहले हुई इस घटना ने तब राज्य की राजनीति में कोहराम मचा दिया था। पश्चिम बंगाल सरकार ने मृतकों के लिए मुआवजा का एलान किया था। इसके खिलाफ विरोधी दलों ने काफी हंगामा मचाया था। उनका कहना था कि सरकार ने शराब पीने से मरने वालों के लिए मुआवजा की घोषणा की है। यह सही नहीं है।

अभियुक्त ने सजा कम करने की मांग की

- इस दिन अदालत में खोड़ा बादशाह ने कहा कि मेरी चार संतान है और कोई और नहीं है। मैं यह व्यवसाय फिर कभी नहीं करूंगा। उसने अदालत से सजा कम करने की अपील की क्योंकि वह दिव्यांग है। इसके विपरीत लोक अभियोजक ने यह कहते हुए उसकी मौत की सजा की मांग की क्योंकि मामला दुर्लभ से दुर्लभतम है।

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