आंदोलनकारी छात्रों ने विश्वभारती के कुलपति की कार रोककर ली तलाशी, तीन सहपाठियों की बर्खास्तगी का विरोध कर रहे छात्र

अपने तीन सहपाठियों की बर्खास्तगी के विरोध में आंदोलन कर रहे विश्वभारती विश्वविद्यालय के छात्रों ने मंगलवार को कुलपति विद्युत चक्रवर्ती की कार रोककर उसकी तलाशी ली। कुलपति की कार जैसे ही विश्वविद्यालय परिसर से बाहर निकली कुछ छात्रों ने उसे रोक दिया और उसकी तलाशी ली।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Tue, 07 Sep 2021 08:50 PM (IST) Updated:Tue, 07 Sep 2021 09:31 PM (IST)
आंदोलनकारी छात्रों ने विश्वभारती के कुलपति की कार रोककर ली तलाशी, तीन सहपाठियों की बर्खास्तगी का विरोध कर रहे छात्र
तीन सहपाठियों की बर्खास्तगी के विरोध में विश्वभारती विश्वविद्यालय के छात्र कर रहे हैं आंदोलन

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : अपने तीन सहपाठियों की बर्खास्तगी के विरोध में आंदोलन कर रहे विश्वभारती विश्वविद्यालय के छात्रों ने मंगलवार को कुलपति विद्युत चक्रवर्ती की कार रोककर उसकी तलाशी ली। विश्वभारती के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि कुलपति की कार जैसे ही विश्वविद्यालय परिसर से बाहर निकली, कुछ छात्रों ने उसे रोक दिया और उसकी तलाशी ली। उस वक्त कार में चालक के अलावा और कोई नहीं था। दूसरी तरफ छात्रों ने बताया कि कुलपति उनसे मुलाकात नहीं कर रहे।

शिक्षक दिवस पर उन्होंने कुलपति को फूलों का गुलदस्ता भेजा था, उसे भी उन्होंने स्वीकार नहीं किया। वे उनसे मिलना चाहते हैं इसलिए जैसे ही उनकी कार बाहर निकली तो उन्होंने उसे रोककर उनसे मिलने की कोशिश की लेकिन वे कार में नहीं थे। छात्रों की इस हरकत को अवांछित बताते हुए विश्वभारती के एक अधिकारी ने कहा कि यह किसी की निजता पर आक्रमण है। छात्र इस तरह से कार रोककर उसकी तलाशी नहीं ले सकते। गौरतलब है कि छात्र कुलपति के आधिकारिक निवास के पास इन दिनों अनशन कर रहे हैं।

कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश का अनुसरण करते हुए छात्रों ने अब उग्र आंदोलन की जगह अनशन का रास्ता अपनाया है। हाईकोर्ट ने छात्रों के आंदोलन पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा था कि विश्वविद्यालय परिसर के 50 मीटर के दायरे में कोई आंदोलन नहीं किया जा सकेगा। इसके साथ ही उन्होंने विश्वभारती के कुलपति की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया था, हालांकि हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि आंदोलन किया जा सकता है लेकिन किसी का घेराव नहीं किया जा सकता।

हाईकोर्ट के निर्देश का अनुसरण करते हुए ही छात्रों ने अब उग्र आंदोलन की जगह अनशन का रास्ता अपनाया है। अदालत ने कुलपति के निवास स्थल के पास लगे सभी पोस्टर-बैनर हटाने का निर्देश दिया था। साथ ही प्रशासनिक भवन में आंदोलन के दौरान जितने भी ताले लगाए गए हैं, सबको तोड़ देने को कहा था। इसका भी पालन किया गया है।

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