तारकेश्वर-तारापीठ के बाद कालीघाट और मायापुर के चंद्रोदय मंदिर के भी खुले पट, गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं

बंगाल में कोरोना के मामलों में आई गिरावट के बाद अब सूबे के प्रमुख धार्मिक स्थल फिर से खुलने लगे हैं। तारकेश्वर और तारापीठ के बाद मंगलवार से कालीघाट मंदिर और मायापुर स्थित इस्कान के चंद्रोदय मंदिर के पट भी भक्तों के लिए खोल दिए गए।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 06:03 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 06:03 PM (IST)
तारकेश्वर-तारापीठ के बाद कालीघाट और मायापुर के चंद्रोदय मंदिर के भी खुले पट, गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं
बंगाल के नदिया जिले में स्थित मायापुर में बन रहे 113 मीटर ऊंचे चंद्रोदय मंदिर का मॉडल

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में कोरोना के मामलों में आई गिरावट के बाद अब सूबे के प्रमुख धार्मिक स्थल फिर से खुलने लगे हैं। तारकेश्वर और तारापीठ के बाद मंगलवार से कालीघाट मंदिर और मायापुर स्थित इस्कान के चंद्रोदय मंदिर के पट भी भक्तों के लिए खोल दिए गए। कालीघाट मंदिर फिलहाल प्रातः छह बजे से दोपहर 12 बजे तक खुला रहेगा। पूजा-अर्चना को लेकर कोई रोक नहीं लगाई गई है, हालांकि मंदिर के गर्भगृह में भक्तों को जाने की फिलहाल अनुमति नहीं दी गई है। बिना मास्क के मंदिर में प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा। शारीरिक दूरी के नियम का कड़ाई से पालन करते हुए भक्तों को कतार में खडा़ रहना होगा।

कालीघाट मंदिर के सामने मंगलवार प्रातः से ही भक्तों की भीड़ लगनी शुरू हो गई थी।गौरतलब है कि बंगाल में गत पांच मई से लॉकडाउन शुरू होने के बाद से ही कालीघाट और चंद्रोदय मंदिर को भी बंद कर दिया गया था। कोरोना की पहली लहर के समय भी दोनों मंदिर लंबे समय तक बंद था। तारकेश्वर व तारापीठ मंदिर पिछले हफ्ते ही खोल दिए गए हैं। तारकेश्वर मंदिर में दर्शन-पूजन की समय सीमा इस हफ्ते से बढ़ा दी गई है। प्रातः छह बजे से दोपहर एक बजे तक व शाम छह बजे से रात आठ बजे तक लोग बाबा तारकनाथ के दर्शन कर सकेंगे।

राज्य के अन्य प्रमुख मंदिरों के भी अब जल्द खुलने की उम्मीद है। कालीघाट मंदिर में दर्शन-पूजन करके लौटे एक भक्त ने कहा कि मां काली के दर्शन करके काफी अच्छा महसूस हो रहा है। मां सबका भला करेंगी और कोरोना महामारी का जल्द दुनिया से अंत हो जाएगा। मंदिर खुलने से बाहर पूजा सामग्रियां बेचने वाले दुकानदार भी खुश हैं।मंदिर बंद होने सेउनकी दुकानदारी पूरी तरह ठप हो गई थी।

वहीं इस्कॉन मायापुर के प्रवक्ता सुब्रत दास ने बताया कि आने वाले समय में बसें व ट्रेनें शुरू होने के बाद मंदिर में भक्तों की संख्या में भी धीरे-धीरे इजाफा होने की उम्मीद है। हम कोरोना से संबंधित स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन कर रहे हैं। मंदिर के हॉल में एक साथ 40 लोगों को ही फिलहाल जाने की अनुमति दी जा रही है।

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