तृणमूल में घर वापसी के बाद भाजपा में सेंध लगाने लगे मुकुल रॉय, जिलाध्यक्ष समेत आठ नेता टीएमसी में शामिल

उत्तर बंगाल में भाजपा को बड़ा झटका देते हुए पार्टी की अलीपुरद्वार जिला इकाई के अध्यक्ष गंगा प्रसाद शर्मा ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का दामन थाम लिया। कोलकाता में वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय समेत टीएमसी के अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में उन्होंने पार्टी का झंडा थामा।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 05:05 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 05:07 PM (IST)
तृणमूल में घर वापसी के बाद भाजपा में सेंध लगाने लगे मुकुल रॉय, जिलाध्यक्ष समेत आठ नेता टीएमसी में शामिल
तृणमूल में घर वापसी के बाद भाजपा में सेंध लगाने लगे मुकुल रॉय

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : उत्तर बंगाल में भाजपा को बड़ा झटका देते हुए पार्टी की अलीपुरद्वार जिला इकाई के अध्यक्ष गंगा प्रसाद शर्मा समेत आठ नेताओं ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का दामन थाम लिया। कोलकाता स्थित तृणमूल भवन में वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय समेत टीएमसी के अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में सभी नेताओं ने पार्टी का झंडा थामा। शर्मा 2015 से ही जिलाध्यक्ष के तौर पर काम कर रहे थे।हालिया विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हीं के नेतृत्व में इस जिले में शानदार प्रदर्शन किया था और सभी पांच सीटों पर जीत हासिल की। लेकिन अब शर्मा का पार्टी छोड़ना भाजपा के लिए बड़ा झटका है।

शर्मा समेत आठों नेता हाल में भाजपा छोड़कर टीएमसी में घर वापसी करने वाले मुकुल रॉय के करीबी माने जाते हैं। शर्मा के टीएमसी ज्वाइन करने के दौरान भी मुकुल का मौजूद रहना बताता है कि इसमें उनकी अहम भूमिका है। शर्मा की टीएमसी में एंट्री को मुकुल की भाजपा में सेंधमारी के तौर पर देखा जा रहा है।

मुकुल ने 2017 में जब भाजपा का दामन थामा था तो बड़ी संख्या में टीएमसी के नेताओं ने भगवा दल ज्वाइन किया था। ऐसे में अब उनके एक बार फिर से टीएमसी में जाने से बड़ी संख्या में नेताओं के भाजपा छोड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं। इस मौके पर मुकुल ने कहा कि भाजपा ने उत्तर बंगाल से ही सबसे ज्यादा सीटें 2019 के लोकसभा चुनाव और अब हुए विधानसभा चुनाव में जीती थीं। ऐसे में यहां से नेताओं का छोड़ना बंगाल से भाजपा के खात्मे की शुरुआत है।

तृणमूल में शामिल होते ही भाजपा पर बरसे शर्मा

वहीं, तृणमूल में शामिल होने के बाद भाजपा पर बरसते हुए शर्मा ने कहा कि पार्टी की लीडरशिप जिले में किसी भी फैसले से पहले सुनती नहीं थी। एकतरफा फैसले लिए जाते थे। मैंने कई महीने पहले ही भाजपा छोड़ने का फैसला ले लिया था, लेकिन चुनाव के चलते ऐसा नहीं किया। उन्होंने कहा कि भाजपा पर उत्तर बंगाल के लोगों ने भरोसा जताया है, लेकिन वह उनकी उम्मीदों को पूरा करने में खरा नहीं उतर पाई।

उन्होंने कहा कि वह भाजपा की नीतियों से तालमेल नहीं बैठा पा रहे थे और ऐसे हालात में उनके लिए जनता के लिए काम करना मुश्किल होता जा रहा था। शर्मा ने कहा कि उत्तर बंगाल को केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा देने की हमारे स्थानीय सांसद की मांग के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया। उन्होंने दावा किया कि उत्तर बंगाल में भाजपा के कई और बड़े नेता आगामी दिनों में तृणमूल में शामिल होंगे। दूसरी ओर, भाजपा विधायक और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि शर्मा के जाने से पार्टी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हम एक और शर्मा तैयार कर लेंगे।

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