कोर्ट के आदेश पर डेढ़ साल बाद बेटे-बहू को प्रताड़ना की वजह से घर छोड़ने वाले बुजुर्ग दंपती लौटे अपने घर
बेटे-बहू को प्रताड़ना की वजह घर छोड़ना पड़ा था। कभी सोचा भी नहीं था कि वह कभी अपने मेहनत से बने घर में फिर दोबारा लौट पाएंगे। कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने बेटे और बहू को बेदखल करने और बुजुर्ग दंपती को उनके घर वापस करने का आदेश दिया।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर बांकुड़ा के स्कूलडांगा निवासी बुजुर्ग दंपती बुरहान अली और मुमताज बेगम को डेढ़ साल बाद उनके सिर पर छत मिल गई है। वे पुलिस की निगरानी में सोमवार को अपने घर लौटे हैं।
दरअसल उन्हें बेटे-बहू को प्रताड़ना की वजह घर छोड़ना पड़ा था। कभी सोचा भी नहीं था कि वह कभी अपने मेहनत से बने घर में फिर दोबारा लौट पाएंगे। बुरहान अली एक समय मे बांकुड़ा जिला परिषद का कर्मचारी थे। उनकी पत्नी मुमताज बेगम बांकुड़ा इंप्लॉयमेंट एक्सचेंज में कार्यालय में थीं। बड़ी मुश्किल से उन्होंने अपने बेटे आसमान अली की परवरिश की। उन्होंने उड़की शादी भी कर दी। इसके बाद समस्या शुरू हो गई।
सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी बुजुर्ग माता-पिता पर अत्याचार शुरू हो गया। लड़का और उसकी पत्नी बुजुर्ग दंपती को घर से निकालने की कोशिश करते रहे। जब यह काम ना आया तो बुजुर्ग दंपती पर अत्याचार करना शुरू कर दिया। पानी की लाइन काट दी गई, दिनों-दिन शौचालय का उपयोग पर रोका जा रहा था। बुजुर्ग दंपती को जान से मारने की धमकी भी दी गई।
उसके बाद मजबूर होकर वृद्ध दंपती घर छोड़कर सड़क पर आ गए। आखिरकार उन्होंने पुरुलिया में अपनी बेटी के ससुर के घर शरण ली। वहीं से बुरहान और मुमताज ने अपने बेटे और बहू को शिक्षा देने के लिए लड़ाई लड़ी। उन्होंने बांकुड़ा सदर पुलिस स्टेशन के साथ कलकत्ता उच्च न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाया।
गत 17 जून को कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश राजशेखर मंथा ने बांकुड़ा सदर पुलिस को बेटे और बहू को बेदखल करने और बुजुर्ग दंपती को उनके घर वापस करने का आदेश दिया। इसी के तहत बांकुड़ा सदर थाने की पुलिस ने बेटे और बहू को घर से निकलने का नोटिस जारी किया। उनके घर से निकलने के बाद बांकुड़ा सदर थाने की पुलिस सोमवार को बुजुर्ग दंपत्ति को उनके घर ले गई। घर पर नजर रखने के लिए पुलिस भी तैनात कर दी गई है। डेढ़ साल तक बेघर रहने के बाद बुजुर्ग दंपती को दोबारा सिर के ऊपर छत मिलने से खुश हैं। शंपा बेगम भी अपने माता-पिता को अपने घर वापस पाकर खुश हैं।