West Bengal: कोरोना के दौरान बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रकृति की रक्षा करने की सलाह

मरीज आदर्श आहार सही भोजन की आदतों का सहारा लेकर स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते हैं। धूप का आनंद लेना व्यायाम करना जल्दी रात का खाना सोना आठ लीटर पानी की खपत रोजाना ताजे फल और ताजी सब्जियां हल्दी लहसुन और अदरक जैसे घरेलू-जमीन मसाले खाने की सलाह दी।

By Priti JhaEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 08:42 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 08:42 AM (IST)
West Bengal: कोरोना के दौरान बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रकृति की रक्षा करने की सलाह
कोरोना के दौरान बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रकृति की रक्षा करने की सलाह

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कोरोना के दौरान स्वास्थ्य देखभाल पर एक वेबिनार 'प्रकृति के साथ आशीर्वाद' का आयोजन संयुक्त रूप से कलकत्ता चैंबर ऑफ कॉमर्स, कंसर्न फॉर कलकत्ता, फ्रेंड्स ऑफ कोलकाता और रोटरी क्लब (न्यू अलीपुर, विक्टोरिया और बेलूर) ने किया। न्यूट्रिशन एक्सपर्ट अनु विधावान ने महामारी के दौरान आदर्श आहार पर पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले भोजन की सिफारिश की, धूप का आनंद लेना, व्यायाम करना, रात आठ बजे तक जल्दी रात का खाना, कम से कम आठ घंटे के लिए सोना, आठ लीटर पानी की खपत रोजाना, ताजे फल और ताजी सब्जियां, मकई, नट, बाजरा, रागी, हल्दी, लहसुन, और अदरक जैसे घरेलू-जमीन मसाले खाने की सलाह दी।

अनु ने जंक फूड, एल्कोहल और स्मोकिंग से बचने की सलाह दी। नारायण जैन ने पहले सत्र को मॉडरेट किया और विभिन्न रोचक प्रश्न पूछे जिनका उचित उत्तर अनु विधावन ने दिया। इससे पहले केएस अधिकारी ने अनु विधावन का परिचय प्रस्तुत किया । डॉ आरपी विधावन ने भी अच्छे स्वास्थ्य के लिए अपने विचार साझा किए ।

कलकत्ता चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष राजीव माहेश्वरी ने सभी को बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रकृति की रक्षा करने की सलाह दी। दूसरे सत्र का संचालन राजेंद्र खंडेलवाल ने अतिथि वक्ता आयुर्वेदाचार्य पुयूष द्विवेदी के साथ किया। डॉ द्विवेदी ने आयुर्वेद को चिकित्सा विज्ञान की जननी के रूप में प्रस्तुत किया और आदर्श आहार की आदतों, और महसूस किया कि बीमारियों से पीड़ित 99 फीसद मरीज आयुर्वेदिक उपचार और सही भोजन की आदतों का सहारा लेकर स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते हैं और केवल एक फीसद रोगियों को ही सर्जिकल हस्तक्षेप की जरूरत है। डॉ. द्विवेदी ने कई रोचक सवालों के जवाब दिए।

अजय बलदावा, गायत्री धर, आलोके कनोडिया, सोहनराज सिंघवी, शरत झुनझुनवाला, जोईता बसु, सीमा महेश सोंथालिया, अशोक पुरोहित, पवन पहाड़िया, अनिरुद्ध गुहा, प्रो.प्रदित बनर्जी, प्रो. एस. बि.रॉय और अन्य ने सक्रिय रूप से भाग लिया। शैली मेहता ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। वेबिनार में 227 सदस्यों ने भाग लिया। 

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