आस्कर पुरस्कार जीतने से चूकी 'लगान' के लिए आमिर खान को आज भी अफसोस, बताया क्‍यों नहीं जाते अवार्ड फंक्‍शंस में

why Aamir Khan does not go to award functions अभिनेता और फिल्म निर्माता आमिर खान ने शुक्रवार को कहा कि उनका प्राथमिक काम लोगों का मनोरंजन करना है और यह धारणा सच नहीं है कि वह केवल सामाजिक रूप से प्रासंगिक फिल्मों में रुचि रखते हैं।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 08:25 PM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 11:30 PM (IST)
आस्कर पुरस्कार जीतने से चूकी 'लगान' के लिए आमिर खान को आज भी अफसोस, बताया क्‍यों नहीं जाते अवार्ड फंक्‍शंस में
मेरा प्राथमिक काम लोगों का मनोरंजन करना है : आमिर खान

राज्य ब्यूरो, कोलकाताः अभिनेता और फिल्म निर्माता आमिर खान ने शुक्रवार को कहा कि उनका प्राथमिक काम लोगों का मनोरंजन करना है और यह धारणा सच नहीं है कि वह केवल सामाजिक रूप से प्रासंगिक फिल्मों में रुचि रखते हैं। खान ने एक डिजिटल प्लेटफार्म पर इंडियन चैंबर आफ कामर्स (आइसीसी) के वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि वह आमतौर पर अपनी सहज प्रवृत्ति का अनुसरण करते हैं, जिसने कभी-कभी फिल्मों के लेकर उनकी पसंद को भी प्रभावित किया है।

उन्होंने कहा कि यह सच नहीं है कि मैं केवल सामाजिक रूप से प्रासंगिक फिल्मों में रुचि रखता हूं। मेरा प्राथमिक काम लोगों का मनोरंजन करना है। हो सकता है कि मैं सामाजिक रूप से प्रासंगिक फिल्मों की ओर आकर्षित हूं। लेकिन मैं सिर्फ अपनी प्रवृत्ति का पालन करता हूं। खान को अकसर 'मिस्टर परफेक्शनिस्ट' कहा जाता है। वह 'तारे ज़मीन पर', 'थ्री इडियट्स' और 'पीके' सहित सामाजिक संदेश देने वाली कई फिल्मों में अभियन और निर्देशन कर चुके हैं। ये सभी फिल्में बाक्स आफिस पर सफल रही हैं।

खान ने कहा कि वह शूटिंग के दौरान फिल्म की कहानी में खो जाते हैं। मैं कोई पूर्वकल्पित धारणा नहीं रखता। मैं बहुत खुले मिजाज का व्यक्ति हूं। उन्होंने देश-विदेश में प्रशंसा पाने वाली फिल्म 'लगान' का जिक्र करते हुए कहा कि इस फिल्म की कहानी ने उन्हें प्रेरित किया था। फिल्म साल 2002 में करीबी अंतर से आस्कर पुरस्कार जीतने से चूक गई थी। और बोस्निया की फिल्म 'नो मैन्स लैंड' को यह खिताब मिला था। हालांकि खान ने कहा कि मुझे उसका कोई अफसोस नहीं है। वह एक शानदार अनुभव था। फिल्म को न केवल अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया में जबरदस्त प्रशंसा मिली थी। किसी व्यक्ति को पुरस्कारों को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। मैं पुरस्कार में रुचि नहीं रखता।

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