बस का अधिक किराया वसूलने पर होगी कार्रवाई, परमिट भी हो सकता है रद

बंगाल में निजी बस मालिक अगर यात्री से अधिक किराये की मांग करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी ऐसा करने पर उनका परमिट भी रद किया जा सकता है। दरअसल बस मालिक ईंधन की बढ़ती कीमतों का हवाला देते हुए अधिक किराये की मांग कर रहे हैं।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 07:41 AM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 07:41 AM (IST)
बस का अधिक किराया वसूलने पर होगी कार्रवाई, परमिट भी हो सकता है रद
बस का अधिक किराया वसूलने पर कार्रवाई होगी

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। निजी बस के मालिक पर अतिरिक्त किराया (बस किराया) लेने का आरोप लगने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जरूरत पड़ने पर बस की परमिट भी रद की जा सकती है। राज्य के परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम ने यह स्पष्ट किया। उन्होंने कहा, ‘अगर कोई यात्री सबूत के साथ पुलिस या परिवहन विभाग के पास जाता है और बस से ज्यादा चार्ज होने की शिकायत करता है, तो कार्रवाई की जाएगी, यदि आवश्यक हो तो परमिट को रद किया जा सकता है। लेकिन यात्रियों को सिर्फ मौखिक रूप से ही नहीं कहना चाहिए, बल्कि सबूतों के साथ शिकायत भी दर्ज करनी चाहिए।”

ईंधन की बढ़ती कीमतों का हवाला देते हुए बस मालिक लंबे समय से किराए में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। लेकिन राज्य सरकार ने आम आदमी की परेशानी को देखते हुए बस का किराया नहीं बढ़ाया, इसलिए बस मालिक राज्य की पाबंदियों में ढील दिए जाने के बाद भी किराया बढ़ाने की मांग पर अड़े रहे। देखा जा रहा है कि पहले बस मालिकों ने सड़क पर उतरने से मना कर दिया। लेकिन बाद में अधिकांश रूटों पर वे अतिरिक्त किराया लेने लगे। सरकार द्वारा निर्धारित किराए की सूची के बिना स्टेज कैरिज को इस तरह से किराए पर नहीं लिया जा सकता है। यह बात परिवहन मंत्री ने पहले भी कही थी। लेकिन बसों में अब भी बिना सुने जैसा चाहे किराए कंडक्टर ले रहे हैं। न्यूनतम किराया आठ रुपये से बढ़ाकर दस रुपये कर दिया गया है। आरोप है कि 15 से 20 रुपये किराए तक लिए जा रहे हैं। इससे मध्यम वर्ग के लोगों को परेशानी हो रही है।

एक बस किराए की लागत बहुत बढ़ गई है। बस मालिकों ने किराए के नए टिकट भी छापे हैं। जो नियमों के विरुद्ध है। सड़क पर निजी बसें कम हैं। काफी देर तक उस पर खड़े रहने के बाद एक बस मिलती भी है तो जैसा चाहे वैसा किराया लिया जा रहा है। इस प्रकार लोगों की आय में कमी आई है। कई के पास नौकरी नहीं है। ऐसे में किराया बढ़ने से परेशानी बढ़ गई है। बस मालिकों का दावा है कि वे इसे अनुदान के तौर पर ले रहे हैं। क्योंकि जिस तरह से पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े हैं, ऐसे में बिना किराया बढ़ाए बस का सड़क पर उतरना संभव नहीं है।

बस मालिकों के हित का ध्यान रखे सरकार, बचाए जन परिवहन

सिटी सबर्बन बस सर्विस के महासचिव टीटू साहा ने कहा कि हमने परिवहन विभाग से मांग की है कि वह वर्तमान परिस्थिति में बसों का किराया बढ़ाए। अन्यथा काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। डीजल की बढ़ती कीमतों से जन परिवहन को बचाना काफी मुश्किल सा साबित नजर आ रहा है।

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