उपलब्धि: रसगुल्ला के बाद बंगाल की दो और मिठाइयों को मिलने जा रहा जीआइ टैग
बंगाल के नदिया जिले के कृष्णानगर की खास मिठाइयां हैं सरभाजा और सरपुरिया बंगाल सरकार ने चार साल पहले इन दोनों मिठाइयों के जीआइ टैग के लिए किया था आवेदन। सरभाजा और सरपुरिया बंगाल के नदिया जिले के कृष्णानगर की खास मिठाइयां हैं और बेहद स्वादिष्ट हैं।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कोरोना महामारी के बीच बंगाल के लोगों के लिए अच्छी खबर है। रसगुल्ला के बाद सूबे की दो और मिठाइयों सरभाजा और सरपुरिया को ज्योग्राफिकल इंडिकेशन (जीआइ) टैग मिलने जा रहा है। बंगाल सरकार ने चार साल पहले इन दोनों मिठाइयों के जीआइ टैग के लिए आवेदन किया था। सरभाजा और सरपुरिया बंगाल के नदिया जिले के कृष्णानगर की खास मिठाइयां हैं और बेहद स्वादिष्ट हैं।
क्या खासियत है इन मिठाइयों की
सरभाजा एक नरम मिठाई है, जिसे मलाई के बीच सैंडविच किया जाता है। इसे चीनी की चाशनी में डुबोने से पहले घी में तला जाता है और कटे हुए बादाम और पिस्ते से सजाया जाता है। यह मिठाई कोलकाता की हर दुकान में नहीं मिलती। जगधात्री पूजा, लोकनाथ बाबा पूजा, काली पूजा और जन्माष्टमी जैसे अवसरों पर थोक में इसका ऑर्डर दिया जाता है। वहीं सरपुरिया सरभाजा की ही तरह है, बस इतना अंतर है कि इस मिठाई को तलने के बजाय बेक किया जाता है। इसे तैयार करने में मुख्य रूप से खीर, छेना और मलाई का प्रयोग किया जाता हैं। सरपुरिया का भी विभिन्न त्योहारों के समय थोक में ऑर्डर दिया जाता है। कोलकाता की दुकानों में सरभाजा और सरपुरिया, दोनों 25 रुपये प्रति पीस के हिसाब से बिकते हैं, जबकि कृष्णानगर में ये मिठाइयां अधिक मात्रा में और थोड़ी सस्ती कीमत में मिल जाती हैं।
2017 में बंगाल के रसगुल्ले को मिला था जीआइ टैग
गौरतलब है कि इससे पहले 2017 में बंगाल के रसगुल्ले को जीआइ टैग मिला था, हालांकि इसके लिए बंगाल को लड़ाई लड़नी पड़ी थी। पड़ोसी राज्य ओडिशा ने भी अपने रसगुल्ला के जीआइ टैग के लिए आवेदन किया था। ओडिशा द्वारा निर्धारित समय के भीतर पर्याप्त सबूत देने में विफल रहने पर उसके आवेदन को रद कर दिया गया था।