दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के 7,718 बीएसएफ कर्मियों को पुलिस आंतरिक सुरक्षा सेवा पदक से किया गया सम्मानि
Police Internal Security Service Medal दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के 7718 बीएसएफ कर्मियों को चुनौतीपूर्ण इलाकों में सेवा देने व उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुलिस आंतरिक सुरक्षा सेवा पदक से सम्मानित किया गया। अधिकारियों ने शनिवार को एक बयान में यह जानकारी दी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के 7,718 बीएसएफ कर्मियों को चुनौतीपूर्ण इलाकों में सेवा देने व उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुलिस आंतरिक सुरक्षा सेवा पदक से सम्मानित किया गया। अधिकारियों ने शनिवार को एक बयान में यह जानकारी दी। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता ने बताया कि महानिरीक्षक (आइजी) अश्विनी कुमार सिंह ने कोलकाता स्थित फ्रंटियर मुख्यालय में आयोजित एक समारोह में ड्यूटी में सर्वश्रेष्ठ योगदान देने के लिए इनमें से कुछ कार्मिकों व अधिकारियों को अपने हाथों से पदक व प्रमाण पत्र प्रदान किए।
इस मौके पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के बहादुर जवानों की हौसला अफजाई करते हुए आइजी ने अपने संबोधन में भविष्य में भी अपनी ड्यूटी के प्रति इसी समर्पण और निष्ठा के साथ योगदान देने की अपील करते हुए बल की गरिमा बढ़ाने को प्रेरित किया। समारोह में डीआइजी/ पीएसओ अजीत कुमार टेटे, डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। दरअसल, जम्मू कश्मीर, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों और पूर्वोत्तर के चुनौतीपूर्ण इलाकों में सेवा देने वाले कर्मियों लिए पुलिस आंतरिक सुरक्षा सेवा पदक की शुरुआत 2018 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने की थी।
बीएसएफ डीआइजी व प्रवक्ता सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि यह पदक साल में दो बार प्रदान किया जाता है। इसमें उन कर्मियों को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने जुलाई 2018 से कम से कम दो साल इन क्षेत्रों में सेवा दी है।उन्होंने बताया कि राष्ट्र की सेवा में बीएसएफ कर्मियों के असाधारण योगदान को लेकर यह पुरस्कार दिया जाता है। इसका मकसद कर्तव्यनिष्ठ कर्मियों का मनोबल बढ़ाना है। खास बात यह है कि पूरे बीएसएफ में दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के ही सबसे ज्यादा कर्मियों को यह पदक प्रदान किया गया है।
भारत- बांग्लादेश की 4,096 किलोमीटर लंबी अंतररराष्ट्रीय सीमा में से बीएसएफ की कोलकाता स्थित दक्षिण बंगाल फ्रंटियर पर 913.32 किलोमीटर की सीमा की रखवाली का दायित्व है। इस सीमा से बंगाल के पांच सीमावर्ती जिले उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, नदिया, मुर्शिदाबाद और मालदा आते हैं और इसके सिर्फ 405 किलोमीटर सीमा पर है बाड़ (फेंसिंग) लगी है जबकि बड़े हिस्से में नदियां हैं और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कुछ स्थानों पर गांव बसे हैं। यह सीमा इलाका दुनिया के पांच सबसे खतरनाक व चुनौतीपूर्ण सीमाओं में से एक है।ऐसे में इसकी सुरक्षा बेहद ही चुनौतीपूर्ण है। यह सीमा क्षेत्र दशकों से पशु तस्करी व घुसपैठ के लिए कुख्यात रहा है। हालांकि 2019 के बाद से दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के रणबांकुरों ने इस पर पूरी तरह शिकंजा कस दिया है।