सेवन स्टार होटल के लिए काटे 62 पेड़, हाइकोर्ट के आदेश पर देना होगा 40 करोड़ मुआवजा

सेवन स्टार होटल बनाने के लिए 62 पेड़ों को अवैध रूप से काटने के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने एक रियल एस्टेट समूह को 15 दिनों के भीतर 40 करोड़ रुपये का भुगतान करने और सौ पेड़ लगाने की सजा सुनाई है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 08:20 AM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 08:20 AM (IST)
सेवन स्टार होटल के लिए काटे 62 पेड़, हाइकोर्ट के आदेश पर देना होगा 40 करोड़ मुआवजा
सेवन स्टार होटल के लिए काटे 62 पेड़

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कलकत्ता हाई कोर्ट ने गत दिनों एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। इसके तहत कोर्ट ने एक रियल एस्टेट समूह को 15 दिनों के भीतर 40 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश किया है। इसके अलावा ग्रुप को सौ पेड़ भी लगाने होंगे। मामला रसेल स्ट्रीट पर सेवन स्टार होटल बनाने के लिए 62 पेड़ों को अवैध रूप से काटने का है, जिसे लेकर रियल एस्टेट ग्रुप पर मुकदमा चलाने के आदेश भे दिए गए हैं। हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, 'इस कृत्य ने पर्यावरण पर एक स्थायी घाव छोड़ दिया है।'

केस फरवरी 2017 का है। इस पर कोर्ट ने फैसला पारित किया। अपने तीन पन्ने के आदेश में, न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने टिप्पणी की, 'हालांकि याचिकाकर्ता की अपील आकर्षक प्रतीत होती है। इस तथ्य पर विचार करते हुए कि 2006 के अधिनियम के तहत कारावास की सजा देने से पेड़ वापस नहीं आएंगे।

कोर्ट ने माना मुआवजा ही न्यायोचित

राज्य/वन विभाग/समाज को मुआवजा देना न्यायोचित है। इससे आरोपी को उचित दंड मिलेगा, प्रायश्चित होगा और बदला पूरा होगा। मुआवजे का उपयोग सामान्य रूप से पर्यावरण को विकसित करने और अवैध पेड़ों की कटाई के खिलाफ बेहतर निगरानी के लिए किया जाएगा।

यह कहता है अधिनियम

2006 का अधिनियम जिसके तहत इस मामले की कार्रवाई शुरू की गई थी। इसके तहत किसी पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसमें एक साल की जेल भी है। अदालत दोनों भी दे सकती है। और जब तक आवश्यक संख्या में पेड़ नहीं लगाए जाते, इस अपराध के तहत आरोपी व्यक्ति को प्रतिदिन 50 रुपये का जुर्माना देना होगा। राज्य के पक्ष में तर्क देने वाले मनोज मल्होत्रा ने कहा, 'यह क्षतिपूर्ति पूर्ण अपराध है।'

15 दिनों में करना होगा भुगतान

अदालत ने कहा कि अगर 15 दिनों में 40 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान नहीं किया जाता है तो अपराध कंपाउंड हो जाएंगे। आदेश में कहा गया है कि जुर्माना भरने के बाद भी, समूह को अपनी प्रॉपर्टी के डिवेलपमेंट में सभी कानूनों का पालन करना होगा।

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