आत्मरक्षा को 57 साल की महिला चिकित्सक सीखती हैं मार्शल आर्ट

जागरण संवाददाता कोलकाता पूरे दिन मरीजों की चिकित्सा के उपरांत शाम स्वयं की रक्षा को मार्शल

By JagranEdited By: Publish:Sun, 08 Dec 2019 05:19 PM (IST) Updated:Sun, 08 Dec 2019 05:19 PM (IST)
आत्मरक्षा को 57 साल की महिला 
चिकित्सक सीखती हैं मार्शल आर्ट
आत्मरक्षा को 57 साल की महिला चिकित्सक सीखती हैं मार्शल आर्ट

जागरण संवाददाता, कोलकाता : पूरे दिन मरीजों की चिकित्सा के उपरांत शाम स्वयं की रक्षा को मार्शल आर्ट सीखती हैं, ताकि भविष्य में अगर कोई चुनौती पेश आए उसका स्वयं सामना कर सकें। किसी पर निर्भर न रहना पड़े, क्योंकि मदद की बाट जोहते कई बेटियों ने दम तोड़ है। 57 वर्षीय अनुराधा फादिका पेश से चिकित्सक हैं और वर्तमान में महानगर कोलकाता स्थित एनआरएस मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के स्त्री रोग विभाग में सेवारत हैं। लेकिन इस उम्र में उनका मार्शल आर्ट सीखना कई लोगों के लिए मजाक का विषय है और वे अक्सर उनका माखौल उड़ाते हैं। बावजूद इसके अनुराधा कभी विचलित नहीं हुईं। अनुराधा की मानें तो मुसीबत बोल कर नहीं आती और आगे से अगर हम इसके सामाना को तैयार रहे तो इसमें बुरा क्या है? दरअसल, 2017 में एनआरएस मेडिकल कॉलेज व अस्पताल परिसर में चिकित्सकों को आत्मनिर्भर बनाने को कोरियन मार्शल आर्ट व ताइक्वाडो कक्षाएं शुरू की गई हैं और इसमें मेडिकल विद्यार्थी, जूनियर चिकित्सक, सीनियर चिकित्सक, नर्स और नर्सिग छात्राएं प्रशिक्षण को रोजाना शामिल होते हैं। वहीं प्रशिक्षण को ताइक्वाडो कक्षा में शामिल होने को ले पूछे गए एक सवाल के जवाब में प्रो. डॉ. अनुराधा फादिका ने कहा कि जब मुझे पहली बार पता चला कि हमारे अस्पताल में मार्शल आर्ट व ताइक्वाडो सीखने की व्यवस्था की गई है तो मुझे खुशी हुई। साथ ही मैंने मन बना लिया था कि मैं इस कौशल को सीखूंगी और अब तो मैं नियमित कक्षा में शामिल होती हूं। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि ज्यादातर चिकित्सक काम के दबाव में इस कक्षा में शामिल नहीं हो पाते हैं। उन्होंने कहा कि इस कक्षा में शामिल होने को अस्पताल के डिप्टी सुपरिटेंडेट द्वैपायन विश्वास से बात की, जो ताइक्वाडो के राज्य नोडल अधिकारी भी हैं। उन्होंने कहा कि बीते सितंबर माह से वे नियमित कक्षा में आ रही हैं और इस समयावधि में बहुत कुछ सीखा भी है।

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