Cyclone Yaas: बंगाल में चक्रवात से हुए नुकसान के मुआवजे की मांग के 50 फीसद आवेदन खारिज
Cyclone Yaas बंगाल की ममता सरकार को पिछले महीने दुआरे त्रान कार्यक्रम के तहत इस बाबत 381774 आवेदन मिले थे। 18 से 30 जून के बीच किए गए इन आवेदनों के उचित सत्यापन के बाद 186815 को फर्जी पाए जाने पर खारिज कर दिया गया।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल सरकार ने चक्रवात 'यास' से हुए नुकसान के मुआवजे की मांग को लेकर जमा किए गए करीब 50 फीसद आवेदनों को फर्जी बताकर खारिज कर दिया है। बंगाल की ममता सरकार को पिछले महीने 'दुआरे त्रान' (दरवाजे पर राहत) कार्यक्रम के तहत इस बाबत 3,81,774 आवेदन मिले थे। 18 से 30 जून के बीच किए गए इन आवेदनों के उचित सत्यापन के बाद 1,86,815 को ब्लॉक विकास अधिकारियों व शहरी स्थानीय निकायों के प्रमुखों द्वारा फर्जी पाए जाने पर खारिज कर दिया गया। गौरतलब है कि यास ने बंगाल और पड़ोसी राज्य ओडिशा में भारी तबाही मचाई थी। विशेष रूप से तटीय इलाकों में उसके विनाश के निशान अब भी मौजूद हैं। ऐसे में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मई में इस कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए यास से प्रभावित लोगों को लिखित रूप में आवेदन करने को कहा था।
उधर, वास्तविक दावेदारों को एक जुलाई से मुआवजा मिलना शुरू हो गया है। यास से लगभग 2.21 लाख हेक्टेयर भूमि पर फसल और 71,560 हेक्टेयर भूमि पर बागवानी नष्ट हो गई थी। चक्रवात से बंगाल को 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। राज्य सरकार की अधिसूचना के अनुसार जिस व्यक्ति की कृषि भूमि को यास ने नुकसान पहुंचाया है, उसे 1,000 से 25,000 रुपये के बीच मुआवजा मिलेगा। पान की खेती करने वाले प्रभावित किसान और आपदा में अपने मवेशियों को खोने वाले व्यक्ति 5,000 से 30,000 रुपये के मुआवजे के हकदार होंगे। अधिसूचना में आगे कहा गया है कि आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मिट्टी के घरों के लिए 5,000 रुपये और पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घरों के लिए 20,000 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।