हाथी ने तीन घरों और दुकान को किया क्षतिग्रस्त

- हल्दीबाड़ी चाय बागान के गिर्जा लाइन एवं बड़ा लाइन की घटना मुआवजे की मांग संवाद सूत्र बि

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 05:59 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 05:59 PM (IST)
हाथी ने तीन घरों और दुकान को किया क्षतिग्रस्त
हाथी ने तीन घरों और दुकान को किया क्षतिग्रस्त

- हल्दीबाड़ी चाय बागान के गिर्जा लाइन एवं बड़ा लाइन की घटना, मुआवजे की मांग

संवाद सूत्र, बिन्नागुड़ी: भोजन की तलाश में फिर एक बार हाथी ने उत्पात मचाकर तीन घरों व एक दुकान को क्षतिग्रस्त कर दिया। यह घटना बुधवार देर रात को बिन्नागुड़ी ग्राम पंचायत के अंतर्गत हल्दीबाड़ी चाय बागान के गिर्जा लाइन और बड़ा लाइन इलाके में घटी है। लोगों का आरोप है कि बार-बार हाथियों का उत्पात होने के बाद भी वन विभाग द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार बुधवार रात को पास के मोराघाट जंगल से एक हाथी घुसकर गिर्जा लाइन और बड़ा लाइन इलाके में घंटो उत्पात मचाया। इसमें बाबूलाल उरांव का एक घर, लाय सिंह का दुकान और सोमारी खरिया के दो घरों को नुकसान पहुंचाया है। हाथी ने घर में रखे अनाज को भी नष्ट कर दिया। इधर, हाथी घुसने की खबर बिन्नागुड़ी वन्यप्राण शाखा के वनकर्मी मौके पर पहुंचे। ट्रैक्टर की मदद से किसी तरह हाथी को वापस जंगल की ओर भेजा गया।

क्षतिग्रस्त घरों के एक सदस्य प्रतिमा लाइक ने कहा कि परिवार के कुल आठ सदस्यों में एक बागान में काम करते हैं। हाथी ने घर तोड़कर सबकुछ बर्बाद कर दिया। बागान प्रबंधन की ओर से सुबह को तीन किलो चावल दिया गया है। लेकिन इतना से परिवार का चलना मुश्किल है। वन विभाग से मुआवजे के लिए आवेदन किया गया है। लेकिन परिवारों का आरोप है कि मुआवजे के लिए बार-बार आवेदन करने के बाद भी सुनाई नहीं होती। वन अधिकारी खबर भी नहीं लेते हैं।

उक्त घटना को लेकर बिन्नागुड़ी वन्यप्राण शाखा के रेंजर सुभाशीष राय ने कहा कि हाथी के हमले की सूचना मिलते ही वनकर्मी मौके पर पहुंच गए थे। हाथी को पास के मोराघाट जंगल की ओर भेज दिया गया है। हल्दीबाड़ी चाय बागान के लेबर वेलफेयर ऑफिसर सुव्रत राहा ने कहा कि बागान में हाथी का हमला होता ही रहता है। बागान की ओर से हर संभव मदद श्रमिकों को किया जाता है। लेकिन समस्या का समाधान नहीं होता है। यदि पीड़ित परिवारों के लिए वन विभाग की ओर से अनाज का बंदोबस्त किया जाए तो काफी सुविधा होगी। मोराघाट के रेंजर राकुमार पॉल ने कहा कि पीड़ित परिवारों की ओर से आवेदन करने पर वन विभाग के नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा।

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