किसानों ने अधिकारियों को जमीन मापने से रोका

- फोर लेन सड़क विस्तार के लिए किसानों ने दी है जमीन उचित मूल्य नहीं मिलने पर जताया विरोध

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 05:35 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 05:35 PM (IST)
किसानों ने अधिकारियों को जमीन मापने से रोका
किसानों ने अधिकारियों को जमीन मापने से रोका

- फोर लेन सड़क विस्तार के लिए किसानों ने दी है जमीन, उचित मूल्य नहीं मिलने पर जताया विरोध

संवाद सूत्र, धुपगुड़ी: जमीन विवाद के चलते फोर लेन सड़क का काम रुका हुआ है। फिर सड़क मापने आए अधिकारियों को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा। फलस्वरूप धुपगुड़ी के झुमूर इलाके में तनाव का माहौल उत्पन्न हो गया। इसकी खबर पाकर धुपगुड़ी थाना के आइसी समेत अन्य पुलिस अधिकारी तथा पंचायत सदस्य और नगरपालिका के वाइस चेयरमैन मौके पर पहुंचे।

किसानों का आरोप है एक-एक मौजे की जमीन के लिए अलग-अलग दाम दी जा रही है। इस कारण उनलोगों ने विरोध जताया। इधर, विरोध के चलते सुबह से दोपहर तक अधिकारी जमीन मापने के लिए उतर ही नही पाए। किसानों की माने तो दूसरी जगहों पर प्रति बीघा 80 लाख से एक करोड़ रुपये दिया जा रहा है। वहीं बारोघरिया ग्राम पंचायत के भेमटिया इलाके में एक बीघा जमीन के लिए केवल 25 लाख रुपये दी जा रही है। यहां 20 से 25 किसान परिवार हैं। प्रत्येक परिवार ने अपनी इच्छा से जमीन दी है। लेकिन इस दाम पर कोई मानने वाले नहीं है।

धुपगुड़ी पंचायत समिति के पीडब्ल्यूडी कर्माध्यक्ष जहांगीर कबीर ने कहा कि किसान देश और राज्य के हित में सड़क बनाने के लिए जमीन देने को राजी हैं, परंतु उनलोगों को जमीन का उचित मूल्य नहीं दिया जा रहा है। नगरपालिका की वाइस चेयरमैन राजेश कुमार सिंह ने कहा किसानों को जमीन का सटीक मूल्य नहीं दिया जा रहा है। इसलिये उनलोगों ने अधिकारियों को जमीन मापने नहीं दिया। इस बारे किसानों से बात कर जिलाधिकारी से बात की गई है। जमीन को लेकर कई बार मंत्री और डीएम के साथ बैठक की गई है। जरूरत पड़ने पर फिर किसानों के साथ बैठकर पूरे मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। जमीन मालिक व भूमि रक्षा कमेटी के नेता अबू ताहेब ने कहा कि 25 किसानों ने जमीन दी है। इसमें अधिकांश हिस्सा कृषि जमीन ही है। लेकिन उनलोगों को जमीन की कीमत दूसरे जगहों की तुलना में काफी कम दी जा रही है। कम दाम किसानों को मंजूर नहीं है। अधिकारी इंद्रजीत माझी ने कहा कि किसानों ने जमीन मापने नहीं दिया। इस बारे में उच्च अधिकारियों को जानकारी दी जाएगी।

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