यूपीएससी में चामुर्ची के रिकी अग्रवाल का 87वा रैंक

संवाद सूत्र चामुर्ची कड़ी मेहनत एवं लगन हो तो कामयाबी अवश्य प्राप्त होती है। चामुर्ची के रिकी अग्रवाल

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 08:04 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 08:04 PM (IST)
यूपीएससी में चामुर्ची के रिकी अग्रवाल का 87वा रैंक
यूपीएससी में चामुर्ची के रिकी अग्रवाल का 87वा रैंक

संवाद सूत्र, चामुर्ची: कड़ी मेहनत एवं लगन हो तो कामयाबी अवश्य प्राप्त होती है। चामुर्ची के रिकी अग्रवाल ने यह कर दिखाया है। हालाकि फिलहाल रिकी अग्रवाल के परिवार अब चामुर्ची से फिलहाल सिलीगुड़ी में रह रहे हैं। लेकिन उनकी प्रारंभिक पढ़ाई एवं बचपन चामुर्ची में ही हुई है। यूपीएससी की परीक्षा में चामुर्ची के रिकी अग्रवाल ने पूरे देश में 87 वा रैंक हासिल कर इलाके का नाम के साथ-साथ अपने परिवार का नाम रोशन किया है। हालाकि कुछ वर्ष आगे रिकी अग्रवाल ने यूपीएससी की परीक्षा पास किया था, लेकिन उनका रैंक अपेक्षाकृत संतोषजनक नहीं आया था। इसीलिए इस परीक्षा में अच्छा रैंक लाने के लिए उन्होंने फिर से यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। इस बार 87 वा रैंक लाकर रिकी ने एक मिसाल कायम की है। रिकी अग्रवाल के पिता सुभाष चंद्र अग्रवाल एवं माता दुर्गा अग्रवाल ने बताया शुरू से ही उनके बेटे को प्रशासनिक सेवा में जाने की काफी प्रबल इच्छा थी। उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई चामुर्ची सिटी ऑफ फेथ स्कूल से की। इसके पश्चात बिन्नागुड़ी के संत जेम्स हाई स्कूल से दसवीं तक की पढ़ाई करने के बाद बेंगडुबी आर्मी स्कूल से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। इसके रिकी अग्रवाल खड़कपुर आइआइटी में दाखिला करने के पश्चात लगातार यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी में जुट गया। काफी कड़ी मेहनत एवं लगन के पश्चात उन्हें यूपीएससी की परीक्षा पहले भी उतीर्ण की। लेकिन फिर से अच्छी रैंक लाने के लिए लगातार यूपीएससी की तैयारी करता रहा। आज उन्हें फिर से सफलता प्राप्त हुई है। इसके लिए हम लोग सभी परिवार के लोग काफी खुश हैं। रिकी अग्रवाल के बड़े भैया विकी अग्रवाल ने भी अपने छोटे भाई की कामयाबी पर खुशी जाहिर करते हुए कहा उन्हें छोटे भाई के कामयाबी काफी गर्व महसूस हो रहा है।डुआर्स जैसे पिछड़े इलाके से यूपीएससी जैसे परीक्षा पास करना काफी कठिन कार्य है। लेकिन यदि लगन एवं कोशिश जारी रखें तो कामयाबी कभी बाधा नहीं बनती है। रिकी अग्रवाल ने वह आने वाले दिनों में प्रशासनिक पद पर रहकर देश सेवा करना चाहते हैं।

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