याबा टेबलेट के साथ चार धराए

-एसटीएफ की टीम ने गुप्त सूचना पर दबोचा -जब्त टेबलेट की कीमत पचास लाख के करीब जागरण संवाददाता, स

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Nov 2021 09:56 PM (IST) Updated:Mon, 01 Nov 2021 10:01 PM (IST)
याबा टेबलेट के साथ चार धराए
याबा टेबलेट के साथ चार धराए

-एसटीएफ की टीम ने गुप्त सूचना पर दबोचा

-जब्त टेबलेट की कीमत पचास लाख के करीब

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : गुप्त सूचना के आधार पर घात लगाकर राज्य पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स,सिलीगुड़ी की टीम ने पचास बड़ी मात्रा में याबा टेबलेट का खेप जब्त किया है। जब्त नशीली टेबलेट की बाजार कीमत पचास लाख रुपए आंकी गई है। एसटीएफ के इस कारनामे में याबा तस्कर गिरोह के कई बड़े नाम सामने आए हैं। इस अभियान में एसटीएफ ने चार तस्करों को गिरफ्तार किया है। चारों को मंगलवार अदालत में पेश कर एसटीएफ रिमांड पर लेने की तैयारी में है।

सूचना के मुताबिक सोमवार की दोपहर एसटीएफ सिलीगुड़ी की टीम न्यू जलपाईगुड़ी थाना क्षेत्र के फूलबाड़ी कैनाल रोड पर घात लगाया। डब्लूबी 06 ए 2190 नंबर की एक ऑल्टो कार को रोक कर एसटीएफ की टीम ने तलाशी ली। ड्रग्स तस्करी के लिए कार के फ्यूल टैंक में एक विशेष तहखाना बनाया हुआ था। जहां से 50 हजार याबा टेबलेट के पैकेट बरामद हुए। कार में सवार चार युवकों को एसटीएफ ने नशा तस्करी के आरोप में एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार किया। उनके नाम मोतीउल मिंया (23), जागीर हुसैन (22), रफीकुल हक उर्फ ओपू (31) और अजिद मिंया (21) बताया गया है। आरोपितों में शामिल मोतीउल और अजिद मिंया कूचबिहार जिला अंतर्गत सिताई थाना क्षेत्र के कईतेरबारी, जागीर बक्सीरहाट थाना क्षेत्र के बारोकोदाली, रफीकुल साहेबगंज थाना क्षेत्र के शेउती का निवासी बताया गया है। एसटीएफ की माने तो ये चारों असम से याबा टेबलेट का खेप लेकर सिलीगुड़ी डिलीवरी देने आ रहे थे। पूछताछ में आरोपितों ने ड्रग्स तस्कर गिरोह को दो बड़े सरगना का नाम एसटीएफ को बताया है। मणिपुर के थौबल जिला अंतर्गत लीलांग क्षेत्र के हाओरेईबी टुरेल अहनबी इलाका निवासी मोहम्मद ताजउद्दीन खान और मोहम्मद नवाज खान पूर्वोत्तर भारत में ड्रग्स कारोबार के बड़े और माहिर खिलाड़ी हैं। थाईलैंड, म्यांमार के रास्ते ड्रग्स का खेप मणिपुर और असम के रास्ते देश में फैलाने वाले गिरोह की अहम कड़ी ये दोनों ही है। ये दोनों आपस में सगे भाई हैं। असम की तरफ से आने वाला मादक का अधिकांश खेप इन दोनों के मार्ग-दर्शन में ही गंतव्य तक पहुंचाया जाता है।

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