मान्यता से वंचित 12जातियों के प्रति पूर्ववर्ती व वर्तमान सरकार ईमानदार नहीं :केबी राई
-पूर्ववर्ती व वर्तमान सरकार चाहती तो सिक्किम को मिले विशेष अघिकार 371एफ के तहत दे सकती थी मान्यत
-पूर्ववर्ती व वर्तमान सरकार चाहती तो सिक्किम को मिले विशेष अघिकार 371एफ के तहत दे सकती थी मान्यता
-भाजपा ने 11 जातगोष्ठी को जनजाति बनाने की बात कह राजनीतिक मुद्दा बनाया
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गंगटोक: सिक्किम रिपब्लिकन पार्टी (एस.आर.पी) के अध्यक्ष के.बी राई ने कहा है कि राज्य में जनजाति मान्यता से छूटी 12 जात गोष्ठी के बारे में ना पूर्व सरकार ईमानदार थी न ही वर्तमान सरकार ईमानदार है। राजधानी गंगटोक मे पत्रकारों को संबोधित करते हुए अध्यक्ष राई ने यह कही है। उन्होंने कहा है कि वर्ष1978 मे सिक्किम के नेपाली भाषी गोरखा समुदाय जनजाति के मान्यता पाने से छूटे थे। वर्ष 2014 की आम चुनाव में केंद्रीय राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 11 जातगोष्ठी को जनजाति बनाने की बात कर इसे राजनीतिक मुद्दा बनाया, लेकिन अब यह मुद्दा केवल राजनीतिक चाटुकारों के लिए राजनीतिक रोटी सेकने का माध्यम बना है।
हाल ही मे सिक्किम सरकार ने सिक्किम विधानसभा मे 12 जात गोष्ठी को जनजाति बनाने का प्रस्ताव पारित किया। इसे लेकर सत्तारूढ एस.के.एम सरकार अपना ऐतिहासिक कार्य बता रही है। लेकिन इस पर एस.आर.पी अध्यक्ष ने कहा कि यह कोई ऐतिहासिक कार्य नहीं है। इसी मुद्दे को लेकर पूर्व एस.डी.एफ और वर्तमान सरकार बीच होड़ रही है, लेकिन दोनों इसमे ईमानदार नहीं है। यदि दोनों पार्टियां ईमानदार होती तो सिक्किम को मिले विशेष अघिकार 371एफ के तहत इन जातियों को जनजाति की मान्यता मिल जाती। वतर्मान सरकार भी पूर्व सरकार की नयी संस्करण है, इसी लिए ये एक ही कार्यशैली में काम कर रहे है। उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान सरकार भी पूर्व सरकार की ही ढोल बजारही है। कुछ नया नहीं है।
अध्यक्ष राई ने सिक्किम विधानसभा मे लिंबू-तामाग के लिए सीट आरक्षण का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि यदी वर्तमान सरकार नर सिक्किम विधानसभा मे लिंबू-तमाग को आसन आरक्षण दिलाया, बौद्ध गुरु 17वीं ग्याल्वा कर्मापा उगेन थिंले दोर्जी को सिक्किम में प्रवेश कराया गया, सिक्किम के नेपाली भाषी समुदाय को सिक्किम विधानसभा मे अपनी आधिकारिक सीट आरक्षण दिलाया गया तो इतिहास बन सकती है, विधानसभा मे एक प्रस्ताव पारित करने से यह ऐतिहासिक नहीं बनेगी।
के.बी राई ने कहा की पूर्व एस.डी.एफ सरकार कि मंत्री परिषद ने सिक्किम मे च्दिल्ली पुलिस एक्टज् के उपर रोक लगाया था। इसको राजनीतिक मुद्दा बनाकर एस.के.एम पार्टी सत्ता में आइ है। अब एस.के.एम सरकार को इस एक्ट मे लगाया गया रोक हटाकर सिक्किम मे सीबीआई लाकरे भ्रष्टाचारी को सजा देनी चाहिए। उन्होंने सिक्किम के भोटिया लेप्चा (बीएल) जाति अंतर्गत आनेवाले शेर्पा समुदाय को भी जमीन से जुडी च्लेंड रेभिन्यू अर्डर नंबर वनज् अंतर्गत लाने की माग की। उन्होंने सिक्किम सरकार मे इसी माह के अंदर नया चेहरा आने का संकेत दिया है। इससे कुछ दिन पहले उन्होंने सिक्किम के पूर्व मुख्यमंत्री पवन चामलिंग की भाजपा मे जाने का संकेत दिया था। इस अतिरिक्त अध्यक्ष राई ने सिक्किम की जनता और सरकार को क्षेत्रीय भावना मे रहकर काम करने की अपील किया है। उन्होंने एस.के.एम पार्टी की घोषणा पत्र दिखाते हुए कहा है कि सरकार को अब झूठ की राजनीति नहीं अपनी घोषणा पत्र मे किए हुए वादों को पूरा करना चाहिए।
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चित्र परिचय: पत्रकारों को वार्ता करते एसआरपी अध्यक्ष के.बी राई