नीली बत्ती के संरक्षण में लकड़ी तस्करी का भंडाफोड़

-दो बड़े सरकारी अधिकारियों सहित सात गिरफ्तार - ट्रक के साथ ही स्कॉर्पियो गाड़ी भी जब्त -

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 07:50 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 08:12 PM (IST)
नीली बत्ती के संरक्षण में लकड़ी तस्करी का भंडाफोड़
नीली बत्ती के संरक्षण में लकड़ी तस्करी का भंडाफोड़

-दो बड़े सरकारी अधिकारियों सहित सात गिरफ्तार

- ट्रक के साथ ही दो स्कॉर्पियो गाड़ी भी जब्त

-असम से कोलकाता ले जाने की थी तैयारी

-नौकाघाट इलाके में वन विभाग की टीम ने दबोचा 25

लाख है जब्त लकड़ियों की कीमत

1:30

बजे रात वन विभाग ने चलाया अभियान

04

दिन पहले ही लकड़ियां लाकर रखी गई थी

किन कथित सरकारी अधिकारी की गिरफ्तारी

1.अभिमन्यु मांझी-कस्टम सुपरिटेंडेंट

2.देवाशीष धर-जीएसटी सुपरिटेंडेंट विपिन राय, सिलीगुड़ी: नीली बत्ती लगी गाड़ी और सरकारी अधिकारियों के संरक्षण में चल रहे लकड़ी तस्करी के एक बड़े मामले का भंडाफोड़ हुआ है। वन विभाग की टीम ने इस मामले में 2 सरकारी अधिकारियों के साथ कुल 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि दोनों सरकारी अधिकारी सुपरिटेंडेंट रैंक के हैं। लकड़ी तस्करी के मामले में दो बड़े सरकारी अधिकारियों का नाम सामने आने से खलबली मची हुई है। जबकि वन विभाग की टीम पूरे मामले की जाच की करने में जुट गई है। मिली जानकारी के अनुसार वन विभाग के बैकुंठपुर डिवीजन के अधीन सालुगाड़ा रेंज को लकड़ी तस्करी की गुप्त जानकारी मिल गई थी। उसके बाद ही मंगलवार की देर रात करीब 1:30 बजे वन विभाग की टीम ने एनजेपी थाना इलाके के नौकाघाट इलाके में अभियान चलाया। एक बड़े ट्रक को नीली बत्ती लगी एक सरकारी गाड़ी के संरक्षण में सिलीगुड़ी से कोलकाता ले जाया जा रहा था। गुप्त सूचना के आधार पर वन विभाग की टीम ने नीली बत्ती की दो गाड़ी के साथ ही ट्रक को भी रोक लिया। जब ट्रक की जाच की गई तो उसमें बड़े पैमाने पर सागौन की लकड़िया लोड मिली। उसके साथ ही अपने आप को सरकारी अधिकारी बताने वाले 2 लोगों के साथ-साथ पाच अन्य लोगों को वन विभाग ने गिरफ्तार कर लिया। कुल 7 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। इसमें से एक का नाम कस्टम सुपरिटेंडेंट अभिमन्यु माझी तथा दूसरे का जीएसटी सुपरिटेंडेंट देवाशीष धर है। हालाकि वन विभाग ने भी इस बात की पुष्टि नहीं की है कि यह लोग दोनों सचमुच में सरकारी अधिकारी ही हैं। लेकिन दोनों अपने आप को सरकारी अधिकारी होने का दावा कर रहे हैं। इनके पास से नीली बत्ती लगी एक गाड़ी को भी वन विभाग ने सीज कर ली है। ट्रक पर सागौन की लकड़ी लोड थी जिसकी बाजार कीमत करीब पचीस लाख रुपये बताई जा रही है।

वन विभाग सूत्रों ने बताया लकड़ियों की तस्करी असम से की जा रही थी। करीब 4 दिन पहले ही एक ट्रक लकड़ी सिलीगुड़ी पहुंच चुकी थी। उसे एक गोदाम में छुपा कर रखा गया था। जिसकी जानकारी वन विभाग को मिल गई थी। वन विभाग की टीम उस गोदाम का पता करने की कोशिश में लगी थी। लेकिन इसी बीच तस्कर लकड़ी को ट्रक में लोड कर कोलकाता के लिए रवाना हुए। बताया जा रहा है कि दोनों सरकारी अधिकारी नीली बत्ती लगी गाड़ी में ट्रक एस्कॉर्ट कर सिलीगुड़ी से कुछ दूर आगे पहुंचाने वाले थे। उसके बाद यह लोग लौट आते। लेकिन उससे पहले ही वन विभाग की टीम को इस बात की जानकारी मिल गई और नौकाघाट इलाके में ट्रक के साथ साथ नीली बत्ती लगी स्कॉíपयो गाड़ी को भी पकड़ लिया गया। इस पूरे मामले में आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। वन विभाग के अधिकारी भी इस बात से आश्चर्यचकित हैं कि आखिर इतने बड़े स्तर के सरकारी अधिकारी इस तरह के काम में कैसे शामिल हो सकते हैं।

एक बर्खास्त अधिकारी

इधर,सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जो देवाशीष धर अपने आप को जीएसटी सुपरिंटेंडेंट बता रहा है। दरअसल उसके खिलाफ कई बार अनियमितताओं के आरोप लगते रहे हैं। इसी कारण से पहले उसे निलंबित किया गया और बाद में नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। जबकि कस्टम सुपरिटेंडेंट होने का दावा करने वाले अभिमन्यु माझी की स्थिति का पता करने में वन विभाग की टीम जुटी हुई है।

पहले फर्जी और अब असली नकली कोरोना टीका लगाने के मामले में गिरफ्तार फर्जी आईएएस अधिकारी देवाजन देव मामले के बाद से अब तक कई फर्जी अधिकारियों की गिरफ्तारी राज्य भर में विभिन्न मामलों में हो चुकी है। लेकिन इस बार असली सरकारी अधिकारी की गिरफ्तारी हुई है। वह भी दो बड़े रैंक के अधिकारियों की। इसको लेकर न केवल वन विभाग बल्कि अन्य सरकारी महकमों में भी खलबली मची हुई है। हालाकि बड़े अधिकारी इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं। वन विभाग के आला अधिकारी भी कहते हैं कि दोनों अपने आप को सरकारी अधिकारी बता रहे हैं। अब इसमें कितनी सच्चाई है इसकी जाच की जा रही है। इतने बड़े स्तर के अधिकारियों द्वारा लकड़ी तस्करी मामले में शामिल होने को लेकर सभी आश्चर्यचकित हैं। जिन 7 लोगों की गिरफ्तारी हुई है उनमें से दो लोग अपने आप को सरकारी अधिकारी बता रहे हैं। हालाकि दोनों सरकारी अधिकारी होने के सबूत के रूप में कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए हैं। वन विभाग की टीम पूरे मामले की जाच कर रही है। उसके बाद ही पता चल सकेगा कि दोनों सच में सरकारी अधिकारी हैं या झूठ बोल रहे हैं। वन विभाग ने लकड़ी लोड ट्रक के साथ-साथ एक स्कॉíपयो गाड़ी को भी जब्त किया है। सभी आरोपितों को कोर्ट में पेश किया गया है। - जयंत मंडल,एडीएफओ, बैकुंठपुर फॉरेस्ट डिविजन

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