सीजर दस्तावेज मांगते ही उड़ गए कथित अधिकारी के होश

-अधिकार क्षेत्र को लेकर दोनों पक्षों में भिड़ंत -काफी देर तक होती रही बहसा-बहसी जागर

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 09:49 PM (IST) Updated:Fri, 06 Aug 2021 03:00 AM (IST)
सीजर दस्तावेज मांगते ही उड़ गए कथित अधिकारी के होश
सीजर दस्तावेज मांगते ही उड़ गए कथित अधिकारी के होश

-अधिकार क्षेत्र को लेकर दोनों पक्षों में भिड़ंत

-काफी देर तक होती रही बहसा-बहसी

जागरण संवाददाता,सिलीगुड़ी: लकड़ी तस्करी के मामले में कस्टम और सीजीएसटी के जो दो कथित अधिकारी पकड़ गए हैं,उसको लेकर तरह-तरह के खुलासे हो रहे हैं। दोनों काफी दिनों से इसी तरीके से लाखों रुपये की उगाही कर रहे थे। लेकिन इस बार फंस गए। तस्करी के क्रम में वन विभाग की टीम ने जैसे ही सागवान लदे ट्रक को रोका कि नीली बत्ती वाली स्कॉर्पियो मौके पर पहुंची। स्कॉर्पियो में सवार खाकी वर्दीधारी देवाशीष धर ने खुद को सिलीगुड़ी कस्टम का और दूसरा अभिमन्यू माझी ने खुद को सीजीएसटी का अधीक्षक बताकर वन विभाग की टीम के साथ जिरह शुरु कर दी। वन विभाग की टीम का नेतृत्व स्वयं सालुगाड़ा रेंज के रेंजर संजय दत्त कर रहे थे। नीली बत्ती वाली गाड़ी से उतर कर दोनों रौब दिखाते हुए वन विभाग द्वारा गाड़ी रोकने का कारण पूछने लगे। साथ ही कस्टम और सीजीएसटी अधिकारी की गाड़ी रोकने का जुर्माना चुकाने की धमकी भी दी। इसके बाद ट्रक छोड़ने को कहा। लेकिन वन विभाग की टीम अड़ गई। फिर दोनों ने बताया कि सागवान से लदे ट्रक को उन लोगों ने पकड़ा है। इसको लेकर दोनों पक्षों में काफी देर तक बहसा-बहसी होती रही। तब वन विभाग की टीम ने उनसे जीडी इन्क्वायरी, डिटेंशन रिपोर्ट, सीजर लिस्ट आदि कागजात की मांग की। वन विभाग द्वारा कागजात की मांग होते ही दोनों के होश उड़ गए। वन विभाग के मुताबिक कस्टम या सीजीएसटी या कोई भी केंद्रीय या राज्य सरकार की जांच एजेंसी तस्करी की जा रही लकड़ी या अन्य वन्य संपदा को जब्त कर आरोपितों को गिरफ्तार कर सकती है। लेकिन कानून के मुताबिक जब्त माल व आरोपितों को वन विभाग को सीजर लिस्ट, डिटेंशन रिपोर्ट व जीडी समेत सभी कानूनी कागजातों के साथ सौंपना होगा।

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