पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने फिर राज्य सरकार को कोसा
राज्य के नौकरशाह लोक सेवक नहीं बल्कि राजनीति सेवक होकर रह गए हैं। यहां संविधान सम्मत राज्य के संवैधानिक प्रमुख को भी कोई महत्व नहीं दिया जा रहा है।पूरी तरह अवज्ञा हो रही है।राज्य के मुख्य सचिव और गृह सचिव एवं वित्त विभाग के प्रधान सचिव को बुलावा भेजा था
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने हमेशा की तरह एक बार फिर राज्य सरकार को जमकर कोसा है। वह दुर्गा पूजा के अवकाश के मद्देनजर अपने दार्जिलिंग प्रवास के दौरान संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में लोकतांत्रिक व गणतांत्रिक व्यवस्था का लगातार गला घोंटा जा रहा है।
राज्य के नौकरशाह लोक सेवक नहीं बल्कि राजनीति सेवक होकर रह गए हैं। यहां संविधान सम्मत राज्य के संवैधानिक प्रमुख को भी कोई महत्व नहीं दिया जा रहा है। पूरी तरह अवज्ञा हो रही है। मैंने खुद राज्य के मुख्य सचिव और गृह सचिव एवं वित्त विभाग के प्रधान सचिव को बुलावा भेजा था। मगर कई बार अवज्ञा हुई। एक बार वे लोग आए भी तो कोई दस्तावेज व आवश्यक कागजात वगैरह लेकर नहीं आए। बस, यूं ही चले आए। ऐसा कैसे चल सकता है? राज्य सरकार व राज्य के अधिकारियों को जिम्मेदार व जवाबदेह होना पड़ेगा।
राज्यपाल ने यह भी कहा कि, राज्य में सूचना के अधिकार तक का भी पालन नहीं किया जा रहा है, जबकि यह संवैधानिक अधिकार है। इसके बावजूद कोई सूचना के अधिकार के तहत आवेदन करता है तो भी उसे आवश्यक सूचना मुहैया नहीं कराई जाती है। वहीं, राज्य में हर ओर विशेषकर चुनाव उपरांत हिंसा भी चिंतनीय है।
उल्लेखनीय है कि दुर्गा पूजा अवकाश के मद्देनजर राज्यपाल दार्जिलिंग प्रवास पर आए हैं। कोलकाता से उड़ान भर कर मंगलवार दोपहर वह सिलीगुड़ी के निकट बागडोगरा एयरपोर्ट पर उतरे। वहां से सड़क मार्ग से दार्जिलिंग रवाना हो गए। मिली जानकारी के अनुसार राज्यपाल कुछ दिन दार्जिलिंग राजभवन में ही गुजारेंगे। इस दौरान वह विभिन्न पूजा व सांस्कृतिक आयोजनों में भी सम्मिलित हो सकते हैं।