रोगियों की सेवा करना है हमारा प्रमुख धर्म
-विश्व नर्स दिवस पर जाना नर्स के कामकाज का तरीका -कहा नौकरी नहीं मानवता के रुप में करते
-विश्व नर्स दिवस पर जाना नर्स के कामकाज का तरीका
-कहा, नौकरी नहीं मानवता के रुप में करते है सेवा कार्य स्नेहलता शर्मा सिलीगुड़ी
पूरे विश्व में कोरोना महामारी अपने पर फैलाए हुए हैं प्रतिदिन लाखों की संख्या में लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं। देखा जा रहा है कि परिजन भी कोरोना होने के बाद पल्ला झाड़ते हुए नजर आते हैं। ऐसे में डॉक्टर और नर्स इन मरीजों को की देखभाल में दिन रात एक किए हुए हैं। महीनों तक इस क्षेत्र से जुड़े हुए लोग अपने घरों में जा नहीं पाते हैं। ऐसे ही कुछ नर्स हैं जिन्हें बार-बार सलाम करने को दिल चाहता है जो पिछले कई महीनों से अपने घरों में नहीं जा पाई है। दिन रात रोगियों की सेवा में लगी हुई है। ऐसे ही नसों से जब बातचीत हुई तो उन्होंने बताया कि वे कई महीनों से घर नहीं जा पाई है। सेवा कार्य मे लगी हुई है।
महाराजा अग्रसेन हॉस्पिटल की कोविड नìसग इंचार्ज अफलातून नेहर ने बताया कि इस कोरोना महामारी के समय हमारी जिम्मेवारी है कि हम कोरोना पेशेंट को जिम्मेवारी के साथ संभाले साथ ही हम पेशेंट से भी निवेदन करते हैं कि कोरोना होने पर डरे नहीं, डटकर बीमारी का मुकाबला करें ।आपकी हिम्मत ही आपके काम आएगी और हंसते हंसते चिकित्सक द्वारा बताएं परामर्श का पालन करते करते कब ठीक हो जाएंगे पता भी नहीं चलेगा। पेशेंट से भी यह निवेदन है कि वे भी हमारा सहयोग करें। आपसी सहयोग से ही इस बीमारी का निदान संभव है। हम सभी से निवेदन करते हैं की वे प्रोटीन युक्त भोजन ले। ड्राई फ्रूट्स, हरी सब्जिया, फल ,नींबू पानी इत्यादि को नियमित रूप से सेवन करें। अपनी इम्यूनिटी बढ़ाएं। पिछले एक वर्ष से हम कोविड पेशेंट को संभाल रहे हैं। किंतु कोरोना हमें छू भी नहीं पाया है । जिसका प्रमुख कारण है की हम अपनी डाइट का बहुत ख्याल रखते हैं हम स्वस्थ रहेंगे तभी तो अपनी रोगी की सही तरीके से देखभाल कर पाएंगे। इस समय हमारा प्रमुख धर्म है रोगियों की सेवा करना। एक साल में एक बार ही अपने घर जा पाई हूं अपने परिजनों से मिल पाई हूं। किंतु इसको लेकर मन मे कोई मलाल नहीं है। हमारा प्रमुख लक्ष्य रोगियों की सेवा करना है । त्रिपुरा की रहने अनामिका सिन्हा ने बताया की हर किसी को सेवा करने का मौका सेवा करने का नहीं मिलता है। उस प्रभु ने हमें सेवा करने का यह मौका दिया है जिसके लिए हम बहुत आभारी हैं कोविड पीड़ितों की तो उनकी परिवार वाले भी देखभाल नहीं कर पाते हैं ऐसे में वे हमारे उपरविश्वास करके पेशेंट को छोड़कर चले जाते हैं । उनका विश्वास हमें सेवा करने की प्रेरणा देता है ।कई बार तो ऐसा होता है कि हम कई दिनों तक सही तरीके से सो नही पाते हैं ।फिर यह सोच कर सेवा में जुट जाते है कि अगर उनकी जगह हमारे परिवार वाले होते तो तो हम हम उनकी सेवा में दिन रात एक कर दिए। होते मेरे पिताजी हमेशा कहते हैं कि दूसरों की सेवा करो किंतु संभल कर अपना भी पूरा ख्याल रखो तभी तुम दूसरों की सेवा कर पाओगी। इस समय सभी को अपनी डाइट का पूरा ख्याल रखना चाहिए। हम लोग भी अपनी डाइट का पूरा ख्याल रखते हैं।तभी तो कोविड रोगियों के बीच में रहकर भी संक्रमण से बच रहे हैं।